प्यार में दर्द है,
प्यार में दर्द है ,दर्द से प्यार है,न कहीं जीत है न कहीं हार है
वो सनम जब यहाँ बेवफा हो गया
टुकड़े-टुकड़े जिगर के मेरे कर गया,
हँस के मैंने उसे बस यही था कहा
तू मेरा प्यार है, वो तेरा प्यार है !
प्यार में दर्द है ,दर्द से प्यार है,न कहीं जीत है न कहीं हार है!
सबके लब तर यहाँ जाम खाली नही
नजरें साकी की मुझपे इनायत नहीं,
फांसले जब बढे मैंने इतना कहा
क्या यही जीत है क्या यही हार है !
प्यार में दर्द है ,दर्द से प्यार है,न कहीं जीत है न कहीं हार है!
प्यार को रूप रंगत से मतलब नही
प्यार को सोने चाँदी की दरकत नही,
उनके सौदाईपन पे किसी ने कहा
इस्क की जीत है, हुश्न की हार है !
प्यार में दर्द है ,दर्द से प्यार है,न कहीं जीत है न कहीं हार है!
प्यार के नाम पर,तुम ये क्या कर गये
नाम लेके वफा का जफा कर गये,
उनके दिल से मेरे दिल ने इतना कहा
न तेरी जीत है , न मेरी हार है !
प्यार में दर्द है ,दर्द से प्यार है,न कहीं जीत है न कहीं हार है!
dheerendra singh bhadauriya