सोमवार, 17 दिसंबर 2012

वजूद,,,


काश- तुम्हारे भी एक बेटी होती
प्यार से उसका नाम रखते ज्योती,
सहमी सहमी सिमटी सी-
गुलाबी कपड़ों लिपटी सी-
टुकुर टुकुर निहारती,
जैसे बेरहम दुनिया को देखना चाहती,
उसका हंसना बोलना और मुस्कराना,
तुम्हारा प्यार से माथे को सहलाना,
गाल चूमकर नाम से बुलाते-
गोद में उठाकर सीने से लगाते-
तो तुम्हरा दिल खुशियों से नाच उठता,
कितनी ठंडक पडती कितना सकून मिलता,
नन्हे नन्हे पैरों से चलने की आहट

हंसना रोना और उसकी खिलखिलाहट,
गोद में उठाकर लोरी सुनना
उंगली पकडकर चलना सिखाना,
तोतली जबान से कुछ कहने की चाहत
समाज के दोगली बातों से आहात-
जैसे कहना चाह रही हो-?
बेटे और बेटी में इतना फर्क,
इसमें हम बेटियों का क्या कसूर
एक बार हमारे पंख लगाकर के देखो
खुले आसमान में उड़ाकर के देखो-
हम क्या नहीं कर सकती॥?
लक्ष्मीबाई, से लेकर मदरटेरसा, तक
इंदिरा गांधी,से लेकर कल्पना चावला तक
ये भी तो किसी की बेटियां थी,
बेटियां समाज की धडकन होती है
दो कुलों के बीच रिश्ता जोड़कर-
घर बसाती है,
माँ बनकर इंसानी रिश्तों की
भावनाओ से जुडना सिखाती है,
पर तुमने-?
पर जमने से पहले ही काट डाला
शरीर में जान-?
पड़ने से पहले ही मार डाला,
आश्चर्य है.?
खुद को खुदा कहने लगे हो
प्रकृति और ईश्वर से
बड़ा समझने लगे हो,
तुम्हारे पास नहीं है ?
कोई हमसे बड़ा सबूत,
हम बेटियां न होती-?
न होता तुम्हारा वजूद......

जिन्दगी के  हर जशन को अधूरा पाओगे,
अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,,,,,

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dheerendra singh bhadauriya,,,,,

65 टिप्‍पणियां:

  1. जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे,
    अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
    जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,,,,,

    बहुत सुंदर रचना...बेटियाँ घर की जान होती हैं!!

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  2. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 18/12/12 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका इन्तजार है

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  3. काश मेरी भी एक बेटी होती

    प्यार से उसका नाम रखते ज्योती ,

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  4. बेटिया एक अहसास है एक विश्वास है..

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  5. जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे,

    सच कहा है बहुत प्यारी लगी रचना ....मेरी प्यारी सी बेटी है
    जिसके बिना जश्न तो क्या मेरा हर काम अधुरा लगता है !
    बधाई सुन्दर रचना के लिए !

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  6. अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
    जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे
    nice

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  7. उत्कृष्ट रचना.वाकई में आप ने बेटिओं के आगमन का मुक्त कंठ से जयघोष कर प्रकाश के आगमन के मार्ग को थोडा प्रसस्थ का ही दिया ****** खुद को खुदा कहने लगे हो
    प्रकृति और ईश्वर से
    बड़ा समझने लगे हो,
    तुम्हारे पास नहीं है ?
    कोई हमसे बड़ा सबूत,
    हम बेटियां न होती-?
    न होता तुम्हारा वजूद......

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  8. आपकी कविता पढकर बहुत अच्छा लगा पर दिल्ली की खबर सुनकर शर्मिंदगी महसूस हो रही है.. कितनी अलग दुनिया है हमारी सोच की और हमारे समाज की..

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  9. सच ही बिना बेटी के ,घर की और मन की भी खुशियाँ फीकी पड़ जाती हैं.

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  10. हृदयस्पर्शी व अति सार्थक प्रस्तुति।

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  11. बहुत प्यारी रचना....

    सादर
    अनु

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  12. बेटियाँ भगवान का अनमोल वरदान है को सार्थकता प्रदान करती सार्थक रचना !

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  13. बहुत सुन्दर बात कहीं है आपने , काश के कोई समझ पाए

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  14. सार्थक संदेश देती सुंदर रचना .....

    बेटियों कि सुरक्षा कि ज़िम्मेदारी किस पर है ? हैवानियत का क्या किया जाए ? कल दिल्ली कि बस में हुये हादसे से मन व्यथित है ।

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  15. बेटियों को समर्पित आपकी रचना बेहद सुन्दर लगी.ये बेटियां एक अज़ीम तोहफा है.,

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  16. सचमुच बेटी घर की ही नही संसार भर की रौनक है । बहुत अच्छी कविता । सुखद बात यह है कि अब स्थिति काफी आशाजनक है । लोग बेटियों के जन्म पर अफसोस नही करते । लेकिन कोख से बाहर बेटियाँ कितनी सुरक्षित हैं यह सवाल अब पहले से भी अधिक विचारणीय होगया है । उन्हें सुरक्षा व सम्मान की भी उतनी ही आवश्यकता है ।

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  17. जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे,
    अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
    जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,,,,,
    बहुत खूब

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  18. सुन्दर बहुत सुन्दर ..........:)

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  19. सटीक विषय पर सार्थक पोस्ट........बहुत सुन्दर।

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  20. बहुत अच्छी और मार्मिक रचना, न जाने बेटियों के हालात कभी सुधरेंगे भी या नहीं. शुभकामनाएँ.

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  21. bahut dino ke baad blog par aana hua ..aaur aate hee itne shandaar rachna padhne ko mili..man ko chhoo lene wali shandar rachna..sadar badhayee ke sath

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  22. ज्योति ,सुकून मिलता ,ऊंगली ,आहत ,कुसूर ,धड़कन होती हैं ,घर बसाती हैं ,जुड़ना ,जश्न ,.....


    रचना और चित्र दोनों बढ़िया स्नेहिल होतीं हैं बेटियाँ .........



    हम बेटियां न होती-?
    न होता तुम्हारा वजूद......

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  23. धीरेन्द्र जी!
    एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को आपने उतनी ही संवेदनशीलता से छुआ है!!

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  24. सुन्दर सन्देश देती एक अच्छी कविता |

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  25. जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे,
    अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
    जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,,,,,
    बहुत सुंदर पंक्तियां..भाव भरी सुंदर कविता के लिए आभार..

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  26. बिटिया का महिमा अनन्त है।
    बिटिया से घर में बसन्त है।।

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  27. "बेटियां न होती-?
    न होता तुम्हारा वजूद....."

    सच्ची और बहुत अच्छी रचना

    अब भी सुधरो लो यह मान
    बेटा-बेटी एक सामान

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  28. खुद को खुदा कहने लगे हो
    प्रकृति और ईश्वर से
    बड़ा समझने लगे हो,

    बहुत सुन्दर रचना ...

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  29. बेटी ना होती तो वजूद नहीं होता... काश बेटी-बेटा में फर्क करने वाले यह समझ सकते...
    कुछ सोचने पर विवश करती रचना...

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  30. यही जिन्‍दगी का क्रम मे
    श्रीमान जी एक बात है मै कही भी ब्‍लाग परजाता हू तो आपका कमेनट सबसे पहले मिलता है इतनी सक्रियता के लिये आपको धन्‍यवाद देता हू और एक की आप सभी कमेन्‍ट वापस करते हो इस बात के लिये आप मिसाल हे
    युनिक तकनीकी ब्लाlग

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  31. सचमुच बेटियों के बिना हर ख़ुशी अधूरी है ... गहन भाव... आभार

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  32. सुंदर प्रस्तुति..भावपूर्ण।

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  33. उत्कृष्ट रचना.वाकई ****** खुद को खुदा कहने लगे

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  34. .Every second spent with you is a second full of happiness and laughter
    .You are such a huge part of my life, and the main reason of my stable mental health
    .I’m so lucky to have you
    .I feel really blessed. دانلود آهنگ جدید

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  35. Hi , “Thank you for your assistance with/attention to this matter. We look forward to hearing from you shortly. ”. آهنگ برای روز پدر (یکجا)

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,