शनिवार, 27 जुलाई 2013

तेरी याद आ गई ...


    तेरी याद आ गई  
 ,
बरसात आई  तो लगा कि बहार आ गई
तेरे इन्तजार में बसंत की  बहार आ गई,

आइना जब भी  देखूँ  तो  लगता  है मुझे 
पीछे से लगा जैसे आप मेरे पास आ गई, 

मैंने  दिल से  चाहा तुझे उम्र भर  तमाम
दस्तक  दिए बगैर  तेरी  बारात  आ गई,

बेचैनियाँ इतनी कि और क्या बताये धीर 
 बरसात आई  ऐसी कि  तेरी याद आ गई,  


धीरेन्द्र सिंह भदौरिया "धीर"

56 टिप्‍पणियां:

  1. बहुता सुंदर !
    कृपया जवाब के लिये ना आयें आभारी रहूँगा !

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  2. अरे वाह ..बहोत अच्छी गजल है...आपका तख्लुस भी मकते मे शनदार तरीके से लगा है....कुल मिला कर बहेतरीन गजल

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  3. मैंने दिल से चाहा तुझे उम्र भर तमाम
    दस्तक दिए बगैर तेरी बारात आ गई,

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  4. बेचैनियाँ इतनी कि और क्या बताये धीर
    बरसात आई ऐसी कि तेरी याद आ गई ।
    सुंदर ।

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  5. बरस बाद बरसी है बरखा,
    आंख भी बरसा गई
    है परे जो,परी बन
    यादों में मेरे आ गई !

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  6. मैंने दिल से चाहा तुझे उम्र भर तमाम
    दस्तक दिए बगैर तेरी बारात आ गई,

    khoob kaha
    rachana

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज रविवार (28-07-2013) को त्वरित चर्चा डबल मज़ा चर्चा मंच पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. आभार ...शास्त्री जी ,,,क्या करू मलेरिया बुखार के कारन १0दिन से सबके पोस्ट पर नही पहुच पा रहा,,,समय निकाल कर पहुचने की कोशिश करता हूँ किन्तु,,,,

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  8. वाह बहुत खूब
    मैंने दिल से चाहा तुझे उम्र भर तमाम
    दस्तक दिए बगैर तेरी बारात आ गई,
    :)

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  9. बेचैनियाँ इतनी कि और क्या बताये धीर
    बरसात आई ऐसी कि तेरी याद आ गई,
    बहुत उम्दा ... लाजवाब शेर हैं सभी ...

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  10. बहुत सुंदर रचना और अभिव्यक्ति ....!!

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  11. अमिट छाप छोड़ गई
    प्यार से भिगो गई
    सादर

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  12. वाह क्या बात है -
    आभार भाई जी-

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  13. माफ़ कीजिये।।।। दूसरा शेर ऐसा लगा जैसे जबरदस्ती ठेला गया हो |

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  14. बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...

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  15. बरसात के साथ यादें तो आती ही हैं
    बहुत खूब
    साभार!

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  16. क्या करू मलेरिया बुखार के कारन १0दिन से सबके पोस्ट पर नही पहुच पा रहा,,,समय निकाल कर पहुचने की कोशिश करता हूँ किन्तु,,,,

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  17. बरसात में तू तुझ में सारी बरसात ,भीगे हम सारी रात। बढ़िया सौंदर्य प्रधान रचना।

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  18. मैंने दिल से चाहा तुझे उम्र भर तमाम
    दस्तक दिए बगैर तेरी बारात आ गई
    बहुत खूबसूरत

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  19. आपने लिखा....
    हमने पढ़ा....और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए बुधवार 031/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी.
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  20. मैंने दिल से चाहा तुझे उम्र भर तमाम
    दस्तक दिए बगैर तेरी बारात आ गई,
    BEAUTIFUL LINES WITH HEART TOCHING EMOTIONS

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  21. बेचैनियाँ इतनी कि और क्या बताये धीर
    बरसात आई ऐसी कि तेरी याद आ गई,

    सुंदर भावपूर्ण गज़ल, बधाई............

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  22. बेचैनियाँ इतनी कि और क्या बताये धीर
    बरसात आई ऐसी कि तेरी याद आ गई,

    सुंदर भावपूर्ण गज़ल, बधाई............

    जवाब देंहटाएं
  23. व वाह ..वा वाह ...
    बधाई बढ़िया ग़ज़ल के लिए !

    जवाब देंहटाएं
  24. बरसात आई तो लगा कि बहार आ गई
    तेरे इन्तजार में बसंत की बहार आ गई,......सुन्दर ग़ज़ल.

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  25. बरसात आयी तो लगा कि......
    बहुत ही खूबसूरत अहसास लिए हुए ग़ज़ल.

    [ऊपर टिप्पणी से ज्ञात हुआ कि आप बुखार से पीड़ित हैं ,
    शुभकामना है कि जल्द स्वास्थ्य लाभ करें.]

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  26. बहुत ही खूबसूरत अहसास लिए हुए सुंदर ग़ज़ल.बधाई

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,