भाग 1
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आदरणीय रविकर जी के अद्भुत सवैया छंदों को समर्पित...
होली के त्यौहार पर , रचे सवैया-छंद
शब्द चयन अद्भुत अहा, भाव भरे आनंद
भाव भरे आनंद , रंग बरसायें अक्षर
छुपे कहाँ हैं आज , सामने आयें रविकर
खेलें रंग—गुलाल , गटकें भांग की गोली
भूलें सब परहेज , मस्त हों खेलें होली || -
आदरेया डॉ. निशा महाराणा जी की उत्कृष्ट रचना को सादर समर्पित....
नौकरिया सौतन भई , होली है बेरंग
कोयलिया क्यों कूक कर,करती मुझको तंग
करती मुझको तंग, न भाये टेसू मन को
नैना नीर बहाय ,तरसते पिय दरसन को
जियरा जर-जर जाय , बसे परदेस सँवरिया
होली है बेरंग , भई सौतन नौकरिया ||
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आदरणीय मदन मोहन सक्सेना जी की रचना को सादर समर्पित.......
फागुन गुमसुम गुम हुआ, तुम बिन सब बेनूर
होली का त्यौहार है , छोड़ो आज गुरूर
छोड़ो आज गुरूर , झूम कर खेलें होली
प्रेम - रंग में डूब , करें हम हँसी – ठिठोली
जीवन आज सजायँ , फूल चाहत के चुन-चुन
सिखलाने को प्यार , महीना आया फागुन || -
परम आदरणीय श्री अरुन शर्मा अनंत को सादर समर्पित.....
बीबी बैठी मायके , गुझिया ना दे स्वाद
भंग गटकता रात-दिन, हो कर के आजाद
हो कर के आजाद , मनाता जी भर होली
मचा रहा हुड़दंग , लिये मित्रों की टोली
बड़े दिनों के बाद , मिले सब यार करीबी
किस्मत की है बात , मायके बैठी बीबी || -
श्री अरुण निगम जी रचना पर सादर समर्पित,,,,
बीबी बैठी माइके ,होरी नही सुहाय
सजनी मोरे घर नही,रंग न मोको भाय
रंग न मोको भाय रूठ मइके में बैठी
होली में दिलवाव ,नहि तो रहेगी ऐठी
अरूण अब ले आव,बड़ी एल.ई.डी.टीबी
घर लौट आ जाये ,गई जो मइके बीबी,,,,
लिंक - (भाग - 1 )होली की हुडदंग
प्रस्तुतकर्ता - धीरेन्द्र सिंह भदौरिया,
waah bahut khoob dhamal ka aanand liya ..
जवाब देंहटाएंHoli ke baad Holi ka ye rasaswadan......mazedaar laga!! behtareen rachnayen.
जवाब देंहटाएंकाफ़ी पसंद आई।
जवाब देंहटाएंरचना पर रचना रूप में धन्यवाद कहने का यह अंदाज़ भी बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंअरुण कुमार निगम जी! और धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी! -जोड़ी सलामत रहे और हम सबको कुंडलियों का प्रसाद मिलता रहे -आभार
जवाब देंहटाएंहोली धमाल पर बहुत ही बेहतरीन कुंडलियाँ,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कुंडलियाँ... आभार.
जवाब देंहटाएंDEAR SIR,
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प्रिय मित्रो. आप सभी मेरे ब्लोग्स पर जाकर/ फोलो करके - शेयर करके - जानकारी प्राप्त कर सकते हे---- नए लेख आदि भी पढ़ सकते हे..... धन्यवाद...प्रतीक्षारत....
वाह वाह , एक से बढ़कर एक।
जवाब देंहटाएंसभी मस्त !
बहुत ही बेहतरीन कुंडलियाँ,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
इंजीनियर प्रदीप कुमार साहनी अभी कुछ दिनों के लिए व्यस्त है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी चर्चा मंच पर सम्मिलित किया जा रहा है और आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (03-04-2013) के “शून्य में संसार है” (चर्चा मंच-1203) पर भी होगी!
सूचनार्थ...सादर..!
आभार ,,,शास्त्री जी,,,
हटाएंवाह, पढ़कर आनन्द आ गया।
जवाब देंहटाएंbindas ,sir ji
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद अरुण कुमार निगम जी ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है ..
जवाब देंहटाएंसाभार
शालिनी
आभार आदरेया......
हटाएंअरूण अब ले आव,बड़ी एल.ई.डी.टीबी
जवाब देंहटाएंघर लौट आ जाये ,गई जो मइके बीबी,,,,waah holi ho to is tarah
bahut khub bhai ji
एक चले रीमोट से , एक धरे रीमोट
हटाएंपीर वही समझे यहाँ,जिसने खाई चोट ||
आभार ..........
अरूण अब ले आव,बड़ी एल.ई.डी.टीबी
जवाब देंहटाएंघर लौट आ जाये ,गई जो मइके बीबी,,,,waah holi ho to is tarah
bahut khub bhai ji
गजब प्रस्तुति-\
जवाब देंहटाएंसर ! प्राइज़ से कम नहीं, सरप्राइज़-सी टीप
हटाएंहाय गज़ब !मोती भरी , यह नन्हीं-सी सीप ||
आभार आदरणीय रविकर जी, आपका अवकाश से लौट आना हमें खुशियों की सौगात दे गया...
real colors of holi
जवाब देंहटाएंreal colors of holi
जवाब देंहटाएंreal colors of holi
जवाब देंहटाएं...बढ़िया !
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंwah ......apko aur nigam ji ko holi pr sadar badhai
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा ये अंदाज ..........
जवाब देंहटाएंवाह .. ये तो सोने पे सुहागा वाली बात हो गई ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब भई जी बधाई ...
रंगारंग प्रस्तुति...बेहद खूबसूरत!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर !!
जवाब देंहटाएंवाह! आपने तो सबके रंग में खुद को रंग डाला... :-)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
धीरेन्द्र जी की रचना भी बहुत बढ़िया!
~सादर!!!
वृन्दावन के दृश्य का, सुंदर हुआ बखान
जवाब देंहटाएंबच-बच भागें गोपियाँ, भीग रहे परिधान
भीग रहे परिधान , रंग कान्हा ने डाला
धूम मची हर ओर , ढीठ है मुरली वाला
होली का त्यौहार,लगे सबको मन-भावन
प्रेम रंग में डूब , गया सारा वृन्दावन ||
बहुत खूब लिखा है अरुण भाई निगम जी ने .
rangin nazara
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कुंडलियाँ आभार.... निगम जी
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक पोस्ट !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर :))
जवाब देंहटाएंसादर !!
sunder prastuti padh kar aanand aagaya
जवाब देंहटाएंrachana
वाह ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति होली पर |होली की शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंभाई वाह !! मजा आ गया होली के हुडदंग का..अब गुझिया भी मिल जाये तो फिर वह वाह वाह हो जाय !!!
जवाब देंहटाएंअरुण जी के सभी छंद व् आपका छंद सभी बेहतरीन शानदार प्रस्तुति बधाई|
जवाब देंहटाएंwaah bahut acchhi lagi ye prastuti bhi ......
जवाब देंहटाएंBahut badhiya...vaah ...mazedaar links...:)
जवाब देंहटाएंआदरणीय गुरुदेव श्री अरुण सर जी सादर प्रणाम आपकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है आपके द्वारा रचित और हम सभी को समर्पित यह सुन्दर कुंडलिया ह्रदय को प्रेम से तर कर गए, आपका यह प्रेम समर्पण भाव आपके उदार ह्रदय को व्यक्त करता है, आपको नतमस्तक प्रणाम सादर स्वीकार करें.
जवाब देंहटाएंआप सभी लोगों का बहुत२ आभार,,,शुक्रिया,,,,
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