शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

जुल्म

जुल्म

प्यार करने वालो पर जुल्म बहुत पुराना है,
चोट दिल पर लगती मुस्कराता जमाना है!
 
फैसला है दिल  का उसको कर दिखाना है,
झील सी इन आँखों में हमको डूब जाना है!

बे -सबब नही रुख पर जुल्फ के घने साए,
फूलसे नाजुक चेहरे को धूप से बचाना है!

चाहे राह भटका कर चाहे लूट लो लेकिन,
एक दिन तुम्हे अपना हमसफ़र बनाना है!

चाहे ठुकरा दो मुझको चाहो तो अपना लो,
 धीर,धीरज रखे है ,फैसला अब बताना  है! 


dheerendra,"dheer" 

54 टिप्‍पणियां:

  1. चाहे ठुकरा दो मुझको चाहो तो अपना लो,
    धीर,धीरज रखे है ,फैसला अब तुम्हारा है!-बहुत खुबसूरत रचना

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  2. सारे ज़ुल्मों सितम कबूल....
    मोहब्बत जो है!!

    बढ़िया ग़ज़ल...

    सादर
    अनु

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  3. मुहब्बत ही ना जो समझे ......बहुत बढ़िया जी

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  4. bahut namkeen si gazal likhi hai aapne, achchhi lagi, khhaskar zulfon k chehre pe aa girne ke pichhe chhipe kaaran ko jankar achchha laga!

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  5. बे -सबब नही रुख पर जुल्फ के घने साए,
    फूलसे नाजुक चेहरे को धूप से बचाना है!
    क्या बात है .....खूब!

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  6. बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल की प्रस्तुति.

    आँधी आयी गुलशन उजड़ा पत्तों की औकात है क्या,
    जिसपे तेरे तिनके थे वो शाख बेचारी टूट गयी।

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  7. बे -सबब नही रुख पर जुल्फ के घने साए,
    फूलसे नाजुक चेहरे को धूप से बचाना है!

    क्या बात.......वाह ...बहुत खुबसूरत।

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  8. प्यार करने वालो पर जुल्म बहुत पुराना है,
    चोट दिल पर लगती मुस्कराता जमाना है.....बहुत खुबसूरत.

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  9. mohabbt zulm ke saye me hai,purani kahani hai,ye bat aaj duniya ko has has ke batani hai,sundar dastane mohabbt

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  10. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  11. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !!

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  12. वाह,नाम ही धीरेन्द्र है -आपमें धीरज की कमी कहाँ!

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  13. प्यार करने वालो पर जुल्म बहुत पुराना है,
    चोट दिल पर लगती मुस्कराता जमाना है!

    बहुत सुंदर प्रस्तुति.

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  14. प्यार करने वालो पर जुल्म बहुत पुराना है,
    चोट दिल पर लगती मुस्कराता जमाना है!
    sahi hai ...

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  15. बढ़िया गजल कहना सीख गए हैं धीर साहब अर्थ और भाव की सुन्दर व्यंजना .

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  16. फैसला है दिल का उसको कर दिखाना है,
    झील सी इन आँखों में हमको डूब जाना है!..

    बस यही तो जीवन है ... झील सी आँखों मिएँ डूब जाना ... हमेशा के लिए ..

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  17. बे -सबब नही रुख पर जुल्फ के घने साए,
    फूलसे नाजुक चेहरे को धूप से बचाना है!... बढ़िया गज़ल ... बहुत खूब!

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  18. वाह बहुत सुंदर गजल
    प्रेम का महीन अहसास
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

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  19. हरेक शेर बहुत ही उम्दा है .....बहुत-बहुत बढिया ग़ज़ल है ...वाह जी वाह

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  20. चाहे राह भटका कर चाहे लूट लो लेकिन,
    एक दिन तुम्हे अपना हमसफ़र बनाना है!

    -बहुत बढिया ग़ज़ल है

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  21. सुन्दर प्रस्तुति -
    आभार आदरणीय-

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  22. बहुत ही उम्दा है .....बहुत-बहुत बढिया ग़ज़ल......

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  23. फैसला है दिल का उसको कर दिखाना है,
    झील सी इन आँखों में हमको डूब जाना है!


    उम्दा ग़ज़ल

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,