बुधवार, 26 सितंबर 2012

गीत,,,

गीत,

तुम न्यारी तुम प्यारी सजनी
लगती हो पर- लोक की रानी
नख से शिख तक तुम जादू
फूलों सी लगती तेरी जवानी,

केशों में सजता है गजरा
नैनों में इठलाता है कजरा
खोले केश सुरभि है बिखरे
झुके नैन रच जाए कहानी,

माथे पर सौभाग्य की बिंदिया
जिसके गिरफ्त में मेरी निदिया
पहने कानों में चन्दा से कुंडल
और तन पर भाये चूनर धानी,

कर कमलों में कंगना सजते
पैरों में बिछिया नूपुर बजते
संगीत तेरे आभूषणों का सुन
बलखाये कमर चाल मस्तानी,

निकले होठोंसे हँसीं का झरना
यौवन पुष्पों का उठना गिरना
देखकर तेरी मदमस्त अदाये
गढ़ जाए न कोई नई कहानी,


dheerendra bhadauriya,,,,,



51 टिप्‍पणियां:

  1. धीरेन्द्र आज तो आपने अपनी काव्य रचना में श्रंगार रस का अनुपम चित्रण किया है !!

    जवाब देंहटाएं
  2. ....सुन्दर दृष्टि

    .
    .नारीवादियों के कहर से बचो महराज :-)

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह ... बहुत ही बढिया प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर रचना

    माथे पर सौभाग्य की बिंदिया
    जिसके गिरफ्त में मेरी निदिया
    पहने कानों में चन्दा से कुंडल
    और तन पर भाये चूनर धानी,


    सुंदर भाव

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन प्रस्तुति सर वाह सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  6. श्रृंगार रस की वर्षा कर दी आपने। ..वाह!

    जवाब देंहटाएं
  7. तस्वीर किसी और की लगाई है
    कविता किसी और पर बनाई है !
    बहुत अच्छी है !

    जवाब देंहटाएं
  8. कुछ तो फर्क है, कि नहीं - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  9. श्रंगार रस की सुंदर वर्षा.........

    जवाब देंहटाएं
  10. केशों में सजता है गजरा
    नैनों में इठलाता है कजरा
    खोले केश सुरभि है बिखरे
    झुके नैन रच जाए कहानी,

    माथे पर सौभाग्य की बिंदिया
    जिसके गिरफ्त में मेरी निदिया(नींदिया )....
    पहने कानों में चन्दा से कुंडल
    और तन पर भाये चूनर धानी,

    देखकर तेरी मदमस्त अदाये (अदाएं ).....



    गढ़ जाए न कोई नई कहानी, रोमांटिक







    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    बुधवार, 26 सितम्बर 2012
    मेरी संगत अच्छी है

    रोमांटिक अंदाज़ की बढ़िया गजल .

    जवाब देंहटाएं
  11. देखकर तेरी मदमस्त अदाये
    गढ़ जाए न कोई नई कहानी

    वाह !!!!!!!! सुंदर श्रृंगार रस से परिपूर्ण रचना........

    जवाब देंहटाएं
  12. देखकर तेरी मदमस्त अदाये
    गढ़ जाए न कोई नई कहानी

    वाह !!!!!!!! सुंदर श्रृंगार रस से परिपूर्ण रचना........

    जवाब देंहटाएं
  13. .

    आदरणीय धीरेन्द्र जी
    प्रणाम !

    आपकी यह शृंगारिक रचना तो ग़ज़ब ढा रही है …

    नख से शिख तक तुम जादू
    फूलों सी लगती तेरी जवानी

    वाह ! वाऽह ! वाऽऽह… !

    जीवन में रस बना रहे …
    आनंद पाते रहें… आनंद बांटते रहें …
    ):


    शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  14. चित्र के अनुरूप है गीत
    बहुत सुंदर ....

    जवाब देंहटाएं
  15. जितनी सुन्दर तस्वीर ...वैसी ही सुन्दर कविता

    जवाब देंहटाएं
  16. Naarii, ke saariirik sundarata ke drashan to kara diya,naarii ke vastavik svarup maatrtv se kb parichay karava rahe hae.

    जवाब देंहटाएं
  17. श्रृंगार रस में पगी बढ़िया प्रस्तुती

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट "श्रद्धांजलि : सदाबहार देव आनंद" को भी एक बार अवश्य पढ़े। धन्यवाद
    मेरा ब्लॉग पता है:- Harshprachar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  19. अग्रजों ने कुछ छोड़ा नहीं मेरे कहने को।

    जवाब देंहटाएं
  20. बेहद कोमल प्रेम पगी अभिव्यक्ति ....आभार एवं बधाईयां !!!

    जवाब देंहटाएं
  21. चूनर है तेरी धानी सजनी ,

    दिल की है राजधानी सजनी ,

    फूलों में है रात की रानी ,

    अमर है तेरी प्रेम कहानी .


    तुम न्यारी तुम प्यारी सजनी
    लगती हो पर- लोक की रानी
    नख से शिख तक तुम जादू
    फूलों सी लगती तेरी जवानी

    बढ़िया रोमांटिक चीज़ें ला रहे हो ,मन भा रहे हो दोस्त ,उलटा पुलटा कुछ भी हमसे भी लिखवा रहे हो .द्रुत टिपण्णी के लिए दोस्त आपका शुक्रिया कृपया यहाँ भी दस्तक दें -

    बुधवार, 26 सितम्बर 2012
    मेरी संगत अच्छी है
    सुप्रिय महेंद्र श्रीवास्तव जी !

    जवाब देंहटाएं
  22. आपके रचना में संपूर्ण सौन्दर्य उतर आया है नायिका का | बहुत खुबसूरत रचना .....

    जवाब देंहटाएं
  23. श्रंगार रस की अनुपम कृति .... आभार

    जवाब देंहटाएं
  24. केशों में सजता है गजरा
    नैनों में इठलाता है कजरा
    खोले केश सुरभि है बिखरे
    झुके नैन रच जाए कहानी,

    खुबसूरत नख शिख वर्णन

    जवाब देंहटाएं
  25. वाह बहुत सुन्दर ।

    जवाब देंहटाएं
  26. वाह वाह आज आपकी इन्‍ही पक्तियो को पढकर कक्षा 12 मे पढा पदमावती महाकाव्‍य याद आ गया जिसमे रानी पदमावती के श्रगांर का वर्णन है

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

    जवाब देंहटाएं
  28. देर से पढ़ पायी ...क्षृंगार प्रधान बहुत सुंदर रचना ...!!

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,