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एक बूँद ओस की......
सुबह सुबह पत्तों पर दूर से,
कुछ चमकते देखा-?
ऐसे लगा जैसे
पत्तों में कोई मोती उग आया,
कौतूहल बस पास गया
मुझे लगा शायद ये पत्तों के आँसू है,
समझ के मेरी बातों को
वो मुझसे कुछ कहने लगी,
तम्हे भ्रम हुआ है |
न मै आँसू हूँ, न मै मोती
प्रकृति द्वारा बनाई गयी
मै तो एक बूँद ओस की,
आसमान से चलकर
आज ही जमी पर उतरी हूँ
कुछ पल मुझको जीना है-
कुछ पल में मिट जाऊगी,
लेकिन कुछ पल के लिए ही सही
अपनी पहचान दे जाऊगी,
मै एक छोटी सी बूंद हूँ
पर मेरा अपना अस्तित्व है
तुम एक इंसान हो-
जीवन में क्या तुम्हारा महत्व है |
धीरेन्द्र भदौरिया.....
तुम एक इंसान हो-
जवाब देंहटाएंजीवन में क्या तुम्हारा महत्व है |....विचारणीय ,बहुत सही ........सुन्दर प्रस्तुति
एक बूँद ओस की.... बहुत ही गहन भाव... अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए बहुत .सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंओंस की बूंद ने मानव को सच्चाई से अवगत करा ही दिया है। सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंमै एक छोटी सी बूंद हूँ
जवाब देंहटाएंपर मेरा अपना अस्तित्व है
तुम एक इंसान हो-
जीवन में क्या तुम्हारा महत्व है |
बहुत सुन्दर !
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जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना बूंद ने अपने अस्तित्व को मजबूती से रखा हैं आपकी रचना में ...........
वाह, ओस की बूंद कितना कुछ सिखा गयी..
जवाब देंहटाएंतुम एक इंसान हो -
जवाब देंहटाएंजीवन में क्या तुम्हारा महत्व है ?
तुम एक इंसान हो-
जवाब देंहटाएंजीवन में क्या तुम्हारा महत्व है ?
अपना अस्तित्व सिद्ध करती छोटी सी ओस की बूँद, सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंwaah bahut sundar
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंगहन भाव छुपे हैं इन पंक्तियों में ... जीवन में अर्थ होना कितना जरूरी है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर . अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंओस के माध्यम से जीवन का सार कह डाला...बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति .. परिपक्व रचना ..
जवाब देंहटाएंकुछ पल मुझको जीना है-
जवाब देंहटाएंकुछ पल में मिट जाऊगी,
लेकिन कुछ पल के लिए ही सही
अपनी पहचान दे जाऊगी,
वाह बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....!!
मै एक छोटी सी बूंद हूँ
जवाब देंहटाएंपर मेरा अपना अस्तित्व है
तुम एक इंसान हो-
जीवन में क्या तुम्हारा महत्व है |
गंभीर बात को सहजता से कह गए.......
जितना सुन्दर चित्र उतनी ही सुन्दर प्रस्तुति बहुत खूब मानव जीवन के महत्त्व पर प्रश्नचिन्ह लगाती एक छोटी सी ओस की बूँद ....बधाई आपको इस सुन्दर रचना के लिए
जवाब देंहटाएंहर सजीव निर्जीव बस्तु का अपना "महत्त्व" होता है, फर्क इतना है कि कोई उसे पहचानता है और कोई नहीं !!!!
जवाब देंहटाएंwah ! kya sundar chitran kiya hai apne oos ki bund ka
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुंदर भाव .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.....
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