दीप जलायें
खेतों में दीप जलाये कृषकों ने नई फसल के !
दरिद्रता का घना अन्धेरा मिटा इसी के बल से !!
खेतों में दीप जलाये कृषकों ने नई फसल के !
दरिद्रता का घना अन्धेरा मिटा इसी के बल से !!
चारो ओर धरा है जगमग ,आज सुहानी लगती !
खुशहाली के गीत गूँजते, नई आशाऐ जगती !!
हरवाहे किसान महिलाएं, श्रम की माल पिरोती !
दीपपर्व पर कर न्योछावर,आज खुशी के मोती !!
लक्ष्मी-सुत, लक्ष्मी का वंदन दीपावली में करता !
जला जला माटी के दीपक, आज अन्धेरा हरता !!
घर आनाज तो सदा दिवाली,संभव किसान है करता !
लक्ष्मी-सुत इसलिए वही है,खेतों में स्वर्ण बरसता !!
लक्ष्मी-सुत इसलिए वही है,खेतों में स्वर्ण बरसता !!
धान,ज्वार,बाजरा,उड़द, मक्का की जब फासले आती !
करे किसान फसल का स्वागत, वे उसके गुण गाती !!
करे किसान फसल का स्वागत, वे उसके गुण गाती !!
जितना उजला प्रकाश पूनम का उतनी काल निशा है !
अंतर मिटा आज ही केवल ,यद्दपि विपरीत दिशा है !!
श्रम के दीप जलाकर लेकिन किसान प्रकाश है लाता !
उसकी मेहनत प्रबल साधना से ही सारा जग है खाता !!
बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ-समीर लाल ’समीर’
जवाब देंहटाएंप्रकाशोत्सव के महापर्व दीपादली की हार्दिक शुभकानाएँ।
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएँ !
किसान तो अन्नदाता है -बहुत सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
खेतों में दीप जलाये कृषकों ने नई फसल के !
जवाब देंहटाएंदरिद्रता का घना अन्धेरा मिटा इसी के बल से !
सुन्दर मनोहर।
दीपोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंऐसे फैलती है इतिहास से सम्बंधित भ्रांतियां
सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
दीपावली की शुभकामनाएँ
सादर
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय -
दीप पर्व की ढेरों शुभकामनायें-
बेहतरीन रचना। गांव, खेत और खलिहान का सुन्दर चित्रण।
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभकामनाएं .
माटी और किसान को समर्पित दिवाली है .... बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना. हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
Sunder rchna
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ।
हटाएंEk Achhi Padya Rachna Ka Jikra Aapke Dwara. Is Tarah Ki Rachnayen Badi Hi Rochak Hoti Hai. Padhe Low Poems Aur प्यार की कहानियाँ
जवाब देंहटाएंThank You For Sharing.
सारगर्भित रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंbahut khoob , aapko dipawali ki hardik shubhkamnaye
हटाएंश्रम के दीप जलाकर लेकिन किसान प्रकाश है लाता !
जवाब देंहटाएंउसकी मेहनत प्रबल साधना से ही सारा जग है खाता !!
सुंदर रचना ...
वाह ... अनुपम भावों का संगम ....
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की अनंत शुभकामनाएं
श्रम के दीप जलाकर लेकिन किसान प्रकाश है लाता !
जवाब देंहटाएंउसकी मेहनत प्रबल साधना से ही सारा जग है खाता !!
बहुत सही
आखिर किसान ही हैं जिनकी वजह से हमारे घर में खुशियां हैं
सादर मंगलकामनाएँ !!
वाह बहुत ही बढ़िया |
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
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