हमने कितना प्यार किया था.
अर्ध्द- रात्रि में तुम थीं मैं था, मदमाता तेरा यौवन था ,
चिर - भूखे भुजपाशो में बंध, अधरों का रसपान किया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
ध्येय प्रणय-संसर्ग मेरा था, हृदय तुम्हारा कुछ सकुचा था ,
फिर भी कर स्वीकार इसे तुम,तन मन मुझपे वार दिया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
थकित बदन चुपचाप पड़े थे ,मरू-थल में बरसे सावन थे ,
हम दोनो ने एक दूजे को , प्यारा सा उपहार दिया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
रचनाकार - विक्रम सिंह, केशवाही,शहडोल,
अर्ध्द- रात्रि में तुम थीं मैं था, मदमाता तेरा यौवन था ,
चिर - भूखे भुजपाशो में बंध, अधरों का रसपान किया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
ध्येय प्रणय-संसर्ग मेरा था, हृदय तुम्हारा कुछ सकुचा था ,
फिर भी कर स्वीकार इसे तुम,तन मन मुझपे वार दिया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
थकित बदन चुपचाप पड़े थे ,मरू-थल में बरसे सावन थे ,
हम दोनो ने एक दूजे को , प्यारा सा उपहार दिया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
रचनाकार - विक्रम सिंह, केशवाही,शहडोल,
पुरानी एल्बम में लगी हुई फोटो को देख रहा था
जवाब देंहटाएंयादें अपनी कुछ पुरानी कागज पे यूं लिख रहा था !
प्यार भरी बहुत सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना:- "झारखण्ड की सैर"
बहुत प्यारा है यह प्यार।
जवाब देंहटाएंप्यार भरी रचना बहुत ही अच्छी लगी मुझे ..........शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंखूबशूरत अंदाज़ में लिखी गई प्यार और समर्पण की चिरपरिर्चित अनुभूतिओं के ताने बाने से बनी बेहतरीन प्रस्तुति ,
जवाब देंहटाएं.सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (21-10-2013)
पिया से गुज़ारिश :चर्चामंच 1405 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार ... शास्त्री जी..
हटाएंsundar .......bhawawayakti .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति...!सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
प्रणय को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है ।
जवाब देंहटाएंदीपावली की सुभकामनाए सुंदर और मनोहारी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंविक्रम जी की रचनाएं मधुर रस लिए होती हैं ...
जवाब देंहटाएंआभार इस रचना का ...
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसाझा करने का आभार, बधाई विक्रम जी को इस गीत के लिए !
जवाब देंहटाएंप्रेम रस से भरपूर अतिसुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट महिषासुर बध (भाग तीन)
ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार ...शिवम् जी,
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति ….साझा करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रेम रस से परिपूर्ण भावभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट कृति। आभार।
जवाब देंहटाएंकृपया देखें ..
http://kadaachit.blogspot.in/2013/10/blog-post_2536.html
bahut sundar........:)
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर भावनात्मक और रमणीय प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर भी आप सभी का स्वागत है.
http://iwillrocknow.blogspot.in/
बहुत सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंprem ki yahi baate jeene ka sahara hoti hai ,ati sundar
जवाब देंहटाएंdheerendra ji abhi bahut vyast hoon isi karan yahan waqt nahi de pati ,shukriyaan aane ke liye
जवाब देंहटाएंथकित बदन चुपचाप पड़े थे ,मरू-थल में बरसे सावन थे ,
जवाब देंहटाएंहम दोनो ने एक दूजे को , प्यारा सा उपहार दिया था !
हमने कितना प्यार किया था !!
कायिक स्थूल प्रेम का सूक्ष्म रूपक तत्व लिए है यह रचना।
अति सुंदर ..विक्रम जी की श्रंगार में भीगी मधुर अभिव्यक्ति ..आपको सादर बधाई
जवाब देंहटाएंवाह प्रेम की मधुर अनुभूति |
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना।
जवाब देंहटाएंsundar bhavabhiyakti .aabhar
जवाब देंहटाएंwaah bahut sunder
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना !!
जवाब देंहटाएंहमने कितना प्यार किया था !
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति !
ध्येय प्रणय-संसर्ग मेरा था, हृदय तुम्हारा कुछ सकुचा था ,
जवाब देंहटाएंफिर भी कर स्वीकार इसे तुम,तन मन मुझपे वार दिया था !----
बहुत सुंदर रचना
सादर
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंप्यार का खूबसूरत रेखांकन
जवाब देंहटाएंश्रंगारोत्कर्ष लिये सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना ,,,
जवाब देंहटाएंसाभार !
बहुत ही सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंमधुर मिलन का मदमाता चित्रण।
जवाब देंहटाएंप्यार भरी बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंप्यार भरी बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति है भाई धीर जी-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
शानदार अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंTriangle Honey...
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंअभिसार को बताती रचना
जवाब देंहटाएं