गुरुवार, 19 सितंबर 2013

हल निकलेगा

हल निकलेगा 

आज  नही  तो  कल  निकलेगा
 बातों  का  कुछ  हल  निकलेगा,
0-0-0-0
 बेईमानी   की   हाट - बजारों  में
  खोटा   सिक्का   चल  निकलेगा,
0-0-0-0
मंथन    में    सागर   के ,  पहले
 अमरित   नही   गरल  निकलेगा,
0-0-0-0
रस्सी   जलकर   राख   हो   गई
 मगर  न  उसका  बल  निकलेगा,
0-0-0-0
पकने    दो   यह   दर्द ,  धीर  के
 बनकर  गीत , गजल   निकलेगा,
0-0-0-0

49 टिप्‍पणियां:

  1. कोई न कोई हल अवश्य निकलेगा.... सुन्दर प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर रचना और हाँ हल तो निकलेगा ही। आभार।।

    नई कड़ियाँ : मकबूल फ़िदा हुसैन

    जवाब देंहटाएं
  3. आशा है कि बस 'हल' 'निकल' जाए। बहुत खुबसूरत ग़ज़ल !!

    जवाब देंहटाएं
  4. खोटा ही चलता आया है
    खोटा सिक्का फिर
    चल निकलेगा

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (20-09-2013) "हिन्दी पखवाड़ा" : चर्चा - 1374 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  6. खूबसूरत लेखन
    सार्थक अभिव्यक्ति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह....
    बहुत बढ़िया...
    लाजवाब!!!

    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर प्रस्तुति-

    आभार आदरणीय-

    जवाब देंहटाएं
  9. पकने दो यह दर्द , धीर के
    बनकर गीत , गजल निकलेगा,

    लाजवाब प्रस्तुति .....!!

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लागर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - शनिवार हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल :007 http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/

    लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर ..

    जवाब देंहटाएं

  11. रस्सी जलकर राख हो गई
    मगर न उसका बल निकलेगा,
    0-0-0-0

    आजाने दो साल चौदह ,

    उनका उनका सारा छल निकलेगा ,

    जवाब देंहटाएं
  12. आजाने दो साल चौदह ,

    दंगों का भी हल निकलेगा ,

    जवाब देंहटाएं
  13. हल निकलने की आस में ही बैठे है :)

    जवाब देंहटाएं
  14. खोटा सिक्का चल निकलेगा

    sach me khote sikke hi chal nikle hain .sarthak prastuti .aabhar

    जवाब देंहटाएं
  15. रस्सी का बल तो नहीं निलकने वाला ... पर समस्या का हल जरूर निकलेगा ... आशा वान होना जरूरी है ...

    जवाब देंहटाएं
  16. पकने दो यह दर्द , धीर के
    बनकर गीत , गजल निकलेगा,

    वाह बहुत सुन्दर भाव

     आंधी

    जवाब देंहटाएं
  17. मंथन में सागर के , पहले
    अमरित नही गरल निकलेगा,

    बहुत सुन्दर ...

    जवाब देंहटाएं

  18. ​बहुत सुंदर रचना।

    मंथन में सागर के , पहले
    अमरित नही गरल निकलेगा,​

    --
    सादर,
    शिवेंद्र मोहन सिंह

    जवाब देंहटाएं
  19. “अजेय-असीम{Unlimited Potential}”-
    sarthak lekhan,
    आज नही तो कल निकलेगा
    बातों का कुछ हल निकलेगा,........bahut hi positive lines,

    जवाब देंहटाएं
  20. हल निकलने का ही तो इंतजार है...

    जवाब देंहटाएं
  21. हर एक समस्या का हल तो निकलता ही है ,चाहे देर सवेर ही सही। बहुत सुन्दर प्रस्तुती है।

    जवाब देंहटाएं
  22. पकने दो यह दर्द , धीर के
    बनकर गीत , गजल निकलेगा,

    वाह बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  23. वाह मन को छू गयी
    बहुत सुंदर----

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  24. पकने दो यह दर्द , धीर के
    बनकर गीत , गजल निकलेगा,
    प्रशंसनीय रचना - बधाई
    कविता मंच पर .... बहुत दिनों में आज मिली है साँझ अकेली :)

    जवाब देंहटाएं
  25. अति सुंदर
    पकने दो यह दर्द , धीर के
    बनकर गीत , गजल निकलेगा,

    जवाब देंहटाएं
  26. बहुत ही बेहतरीन..
    काश | हर चीज का हल निकलता जाये तो फिर क्या बात होगी..:-)

    जवाब देंहटाएं
  27. आज नही तो कल निकलेगा
    बातों का कुछ हल निकलेगा,
    उम्मीद पे दुनिया कायम है। बहुत सुंदर गज़ल।

    जवाब देंहटाएं
  28. बेईमानी की हाट - बजारों में
    खोटा सिक्का चल निकलेगा

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,