भूल जाते है लोग,
यादों के सहारे क्यों जिये जाते है लोग,
कभी फुरसत मिले हमे याद कर लेना
मुह फेरकर अपने भी चले जाते है लोग,
क्या खता हुई जिसका ये सिला मिला
हँसती हुई आँखों को रुला देते है लोग,
हँसती हुई आँखों को रुला देते है लोग,
जीने के पल होते है, कुछ पल के लिए
इस दुनियाँ में सब बदल जाते है लोग,
तन में सांस है सब यार दोस्त हैं,"धीर"
मौत हुई दफना कर,भूल जाते है लोग,
मौत हुई दफना कर,भूल जाते है लोग,
जैसे जैसे ज़िन्दगी आगे बढती है
जवाब देंहटाएंपरेशानियों के मकड़जाले में फंस जाते हैं लोग
बहुत सुन्दर प्रश्नवाचक गजल!
जवाब देंहटाएंमगर इस क्यों का कोई उत्तर नहीं मिलता!
जीने के पल होते है, कुछ पल के लिए
जवाब देंहटाएंइस दुनियाँ में सब बदल जाते है लोग,
....बहुत सुन्दर...
तन में सांस है सब यार दोस्त हैं,"धीर"
जवाब देंहटाएंमौत हुई दफना कर,भूल जाते है लोग, .... लाजवाब ..बेहद खूबसूरत गज़ल!
यही दस्तूर है दुनिया का....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल...
सादर
अनु
यही मानव का दस्तूर है जिसका कोई माकूल जवाब नहीं
जवाब देंहटाएंकुछ लोह मन की नात लिखते हैं कुछ मष्तिष्क की बात लिखते हैं. आप मष्तिस्क की बात भी मन के रस में डुबोकर उसे मधुमय बना देता है. रुसवाई को भी कितने प्यार से एहसास कराया हैं.
जवाब देंहटाएंयही तो दुनिया का दस्तूर बन गया है
जवाब देंहटाएंयही कड़वा सच है सर जो बयाँ किया आपने ,
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब तरीके बात कही आपने ।
आगे बढ़ने की फितरत में सब भूल जाते हैं लोग ....
जवाब देंहटाएंसादर !!
सुन्दर एवं भावनात्मक गज़ल। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ग़ज़ल ,सर ......
जवाब देंहटाएंहर शेर अपने आप में ज़िन्दगी का फलसफा छिपाए हुए है....
waah darde dil ko byaan karti rachna .....
जवाब देंहटाएंयह दुनिया ही ऐसी है , बहुत जल्द बदल जाती है .....बहुत सुंदर लिखा आपने
जवाब देंहटाएंhar sher ek kasak ko bayan karta hua...bahut khoob..
जवाब देंहटाएंजमाने का दस्तूर है ये पुराना
जवाब देंहटाएंबनाकर मिटाना, मिटा कर बनाना......
सुंदर जज्बाती गज़ल
कभी फुरसत मिले हमे याद कर लेना
जवाब देंहटाएंअपने भी मुह फेरकर चले जाते है लोग,----
waah bahut sunder bhaw
badhai ek achhi gajal ke liyey
जब तक सांस है सब मित्रता रखते हैं पर आँख बंद होते ही सब कुछ बदल् जाता है अपना घर भी पराया हो जाता है |भावपूर्ण रचना बहुत सुन्दर शब्द चयन |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
हटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (10-04-2013) के "साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
रस्मेअदायगी है जिंदगी
हटाएंआभार ,,, शशि जी,
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच लिखा है !
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें स्वीकारें-
तन में सांस है सब यार दोस्त हैं,"धीर"
जवाब देंहटाएं--------------------------------
बेहतरीन रचना धीर साहब ....हार्दिक बधाई
बहुत ही बेहतरीन सुन्दर प्रस्तुती,भूलना जमाने का दस्तूर बन गया है.
जवाब देंहटाएंजीने के पल होते है, कुछ पल के लिए
जवाब देंहटाएंइस दुनियाँ में सब बदल जाते है लोग,
sahi hai sundar rachna...
आज तो ''जो चला गया उसे भूल जा '' के तर्ज़ पर कुछ देर सोचकर सब कुछ भुला दिया जाता है।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी की सच्चाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया, सार्थक रचना
सादर !
लाजवाब...
जवाब देंहटाएंसुंदर, लाजवाब गज़ल
जवाब देंहटाएंऐसा ही तो जीवन है..सुंदर भाव!
जवाब देंहटाएंachchhi gazal hai, aakhiri panktiyan bahut jivan ka aakhiri sach bayan karti hain......!
जवाब देंहटाएंsundar gazal yahi to yatharth hai
जवाब देंहटाएंजीने के पल होते है, कुछ पल के लिए
जवाब देंहटाएंइस दुनियाँ में सब बदल जाते है लोग,
इसी लिए तो कहते हाँ की ये दुनिया है ... नहीं तो स्वर्ग न बन जाए ...
लाजवाब गज़ल ..
Jindagi ka sach bayan karti hui gajal
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंतन में सांस है सब यार दोस्त हैं,"धीर"
मौत हुई दफना कर,भूल जाते है लोग,
प्रगाढ़ अनुभूतियों की सुन्दर रचना .बहुत खूब धीर साहब .
सुंदर, लाजवाब गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंजीने के पल होते है, कुछ पल के लिए
जवाब देंहटाएंइस दुनियाँ में सब बदल जाते है लोग
बेहतरीन रचना है धीरेन्द्र अंकल। बहुत सटीक।
सादर
मधुरेश
मौत हुई दफना के भूल जाते हैं लोग !
जवाब देंहटाएंवाह ...
भूलना भी इंसान की फितरत है .... खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंखुशियों का ठिकाना पता नहीं ऐसे भी होते हैं लोग
जवाब देंहटाएंकभी खुशियों मैं भी अपनों को ग़मों से जलाते हैं लोग
बहुत सुन्दर और हर्दय गंभीर वाच बहुत खूब
आपको भी नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायेँ !
behad khoobsurat gazal. Jindagi ke sachchaaee se wakif karate huee.
जवाब देंहटाएंजीवन की हकीकत को दिखाती एक शानदार ग़ज़ल ..सादर बधायी के साथ
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंकभी फुरसत मिले हमे याद कर लेना
अपने भी मुह फेरकर चले जाते है लोग,
क्या बात
बहुत सुन्दर रचना हुज़ूर | नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ और बधाई |
जवाब देंहटाएंइंसानी फितरत को बहुत अच्छे से उकेरा है आपने...
जवाब देंहटाएंक्या करें यही सच्चाई है..
जवाब देंहटाएंयथार्थं कहती रचना....
बेहतरीन..
सर जी अभी मेरी परीक्षाएं चालू है इसलिए ब्लॉग पर नहीं आ पा रही हूँ..
आपने मुझे याद किया,, धन्यवाद...
:-)
कभी फुरसत मिले हमे याद कर लेना
जवाब देंहटाएंअपने भी मुह फेरकर चले जाते है लोग,
बेहद खूबसूरत गज़ल
नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए....!!!
कभी फुरसत मिले हमे याद कर लेना
जवाब देंहटाएंअपने भी मुह फेरकर चले जाते है लोग....
बहुत सुन्दर नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए
जाने क्यूँ , जाने क्यूँ.......बहुत खुबसूरत ।
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