रंग गुलाल है यारो,
सिर्फ ये पापी पेट का सवाल है यारों
शेष सब कुशल और खुशहाल है यारों,
जूझते है सुबह - शाम रोटी के लिए
मगर चेहरे पर नहीं मलाल है यारों .
रोज अपनी होली है रोज है दिवाली
सबके चेहरे पर रंग गुलाल है यारों ,
मन हमारा महल वालों से भी ऊँचा
धन से भले ही हम फटेहाल है यारों,
फ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
नमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
देश की खातिर मर-मिट जाने वाले
अपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
कितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
धीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों,
dheerendra,"dheer"
सिर्फ ये पापी पेट का सवाल है यारों
शेष सब कुशल और खुशहाल है यारों,
जूझते है सुबह - शाम रोटी के लिए
मगर चेहरे पर नहीं मलाल है यारों .
रोज अपनी होली है रोज है दिवाली
सबके चेहरे पर रंग गुलाल है यारों ,
मन हमारा महल वालों से भी ऊँचा
धन से भले ही हम फटेहाल है यारों,
फ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
नमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
देश की खातिर मर-मिट जाने वाले
अपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
कितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
धीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों,
dheerendra,"dheer"
फाल्गुन महीने में अपने रंग बिखेरती सुन्दर सतरंगी रचना !!
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही बढिया
जवाब देंहटाएंखूब है.. होली का रंग अभी से चढ़ रहा है..
जवाब देंहटाएंफ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
जवाब देंहटाएंनमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
उत्कृष्ट प्रस्तुति भाई साहब .
उड़े रंग,खिले चेहरा,रोज़ होली हो
जवाब देंहटाएंरहे धीर सलामत,करे ख़ुदा यारो!
बहुत ही सुन्दर सतरंगी प्रस्तुति,सादर आभार.
जवाब देंहटाएंदेश की खातिर मर-मिट जाने वाले
जवाब देंहटाएंअपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
कितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
धीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों , वाह बहुत खूब
HOLI KE RANGON SE SARAVOR RACHNA,
जवाब देंहटाएंsunda holi ke rango kesath sundar prastuti
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह...क्या कहने!
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार ग़ज़ल है यह तो!
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंफ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
जवाब देंहटाएंनमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
बहुत खूब ! उम्दा अभिव्यक्ति !!
बहुत सुन्दर, बधाई.
जवाब देंहटाएंवाह ! शानदार !!
जवाब देंहटाएंवहा बहुत खूब बेहतरीन
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
<a
वाह, बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंहोली से पहले ही ब्लॉगजगत के आकाश में गुलाल उड़ा दिया आपने। सुन्दर रचना :)
जवाब देंहटाएंनये लेख :- समाचार : दो सौ साल पुरानी किताब और मनहूस आईना।
एक नया ब्लॉग एग्रीगेटर (संकलक) : ब्लॉगवार्ता।
Happy Holi-
जवाब देंहटाएंhttp://sarikkhan.blogspot.in/
बहुत प्रभावशाली रचना ...
जवाब देंहटाएंकितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
जवाब देंहटाएंधीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों,
khuda ka yah kamal bana rahe ...sundar rachna !
अरे वाह-
जवाब देंहटाएंजोरदार गजल-
कैसे छूट गई थी मुझसे-
शुभकामनायें आदरणीय-
बहुत बढिया गज़ल धीर जी ।
जवाब देंहटाएंये खुदा का कमाल ही है जो आम आदमी फिर भी जी रहा है ।
sarahniy prastuti .badhai
जवाब देंहटाएंरोज अपनी होली है रोज है दिवाली
जवाब देंहटाएंसबके चेहरे पर रंग गुलाल है यारों ...
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उड़े गुलाल धीर साहब के साथ ...
सुन्दर प्रस्तुति... बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया शानदार प्रस्तुति आदरणीय धीर जी
जवाब देंहटाएंदेश की खातिर मर-मिट जाने वाले
जवाब देंहटाएंअपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
वाह !बहुत खूब कहा है यह शेर.
अच्छी गज़ल.
सतरंगी बरसात - अति सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ......बहुत खूबसूरती से आपने
जवाब देंहटाएंहोली के रंग बिखेरे हैं..................
साभार..........
मन हमारा महल वालों से भी ऊँचा
जवाब देंहटाएंधन से भले ही हम फटेहाल है यारों,
वाह! बहुत सुन्दर.
सादर
नीरज'नीर'
जूझते है सुबह - शाम रोटी के लिए
जवाब देंहटाएंमगर चेहरे पर नहीं मलाल है यारों .
बहुत बढ़िया भाव
वाह!वाह! धीर sir कमाल जी ,कुछ मेरी तरफ से भी .....
जवाब देंहटाएंबसंती हवा लेकर फाल्गुन जो आया
'धीर'जी ने भिखेरा गुलाल है यारो !
गुलाल की 'सरिता'आप भी बहाओ
आया है होली का त्यौहार ओ यारो
जिंदगी सही में कितने रंगों से रंगी है
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ....
कितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
जवाब देंहटाएंधीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों , -- बहुत खूब
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जवाब देंहटाएंफागुनी रंग बिखेरती सुन्दर रचना... आभार
जवाब देंहटाएंभावप्रवण उम्दा प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआशा
जीवन और होली दोनों के रंगों से लबरेज़ खूबसूरत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंधीर सलामत रहे ..
जवाब देंहटाएंसलामत रहेगा !
खूबसूरती से आपने फागुनी रंग बिखेरे हैं...
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति.
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
वाह, बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....हरेक शेर एक से बढ़कर एक ...वाह
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....हरेक शेर एक से बढ़कर एक ...वाह
जवाब देंहटाएंवाह आदरणीय सर वाह शब्दों के रूप में रंगों की सुन्दर होली हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसुन्दर सतरंगी रचना.
जवाब देंहटाएंरोज अपनी होली है रोज है दिवाली
जवाब देंहटाएंसबके चेहरे पर रंग गुलाल है यारों ,..
वाह ... बहुत ही रंग बिरंगी राक्स्हना ... गुलाल बिखे दिया आपने ...
लाजवाब ...
waah! waah! umda likha aap ne
जवाब देंहटाएंkhubsurat-**
जवाब देंहटाएंवहा बहुत खूब बेहतरीन ,,,,,,
जवाब देंहटाएंसुन्दर रंगीन रचना फ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
जवाब देंहटाएंनमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
देश की खातिर मर-मिट जाने वाले
अपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
कितनी ही आफतों से गुजरा फिर भी
धीर सलामत,खुदा का कमाल है यारों,
बहुत खूब रचना ...... आभार
जवाब देंहटाएंमन हमारा महल वालों से भी ऊँचा
जवाब देंहटाएंधन से भले ही हम फटेहाल है यारों,
फ़र्ज़ इन्सानियत का हम जानते हैं
नमकहराम नही नमकहलाल है यारों,
बेहद खूबसूरत गज़ल....हर शेर उम्दा....एक से बढकर एक......
देश की खातिर मर-मिट जाने वाले
जवाब देंहटाएंअपनी ही जान के हम दलाल है यारों,
..हर शेर उम्दा
बेहतरीन गज़ल
जवाब देंहटाएंIs Abhut kary ke liye Ap ko Shadhy dhanyawad deta hun
जवाब देंहटाएंहोली पर बहुत अच्छी रचना ,,,,बधाई
जवाब देंहटाएंwaah ...bahut badhiya .....
जवाब देंहटाएंखुदा का कमाल है यारों...........ओर बंदा ये बेमिसाल हे यारो
जवाब देंहटाएंहोली पर बहुत अच्छी रचना