मातृभूमि के अमर सपूतो,
अब ना तुम विलंब करो !
भारत माँ के सरहद पर,
शत्रु का तुम हनन करो !!
जनजन की आवाज यही,
भारत को आज बचाएगें !
हिंदू,मुसलिम,सिक्ख,इसाई,
सबको प्रेम का पाठ पढ़ाएगें!!
नई एकता की सोच को लेकर,
भारत का नव निर्माण करो!
प्रकृति ने एक संकेत दिया है,
देश का नया उत्थान करो!!
निज जीवन में खून तुम्हारा,
अर्पण यह बलिदान बनेगा!
मातृभूमि की जय जयकार,
सारा हिन्दुस्तान करेगा !!
dheerendra, bhadauriya
भाई जी ..समय की पुकार ......
जवाब देंहटाएंजय हिन्द !
जय हो, अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
अच्छी रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पंक्तियाँ ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.......
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (16-01-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ |
आभार ,,,प्रदीप जी,,,,
हटाएंओजस्वी रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंमकरसंक्रान्ति की शौभकामनाएँ।
देश भक्तिपूर्ण उम्दा रचना |कविता बहुत अच्छी लगी धीरेन्द्र जी |
जवाब देंहटाएंआशा
देशभक्ति से ओतप्रोत रचना..
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम उन शहीदों को शत शत नमन!
जवाब देंहटाएंरचना अति सुन्दर, जगाता भाव हमारे अन्दर
देश के खातिर मर मिट जाओ, प्रेम की गंगा बहाओ
रहे वतन में ही नहीं, वरन विश्व में शान्ति -अमन
शुक्रिया एवं बहुत बहुत बधाई .......
जोश खरोश शुभ भावना ,शुभ संकल्पों की रचना है यह .बधाई .निश्चय ही सरकार की हर स्तर पर असफलता लोगों को एक जगह पे ले आई है .
जवाब देंहटाएंदेशभक्ति की भावना लिए बहुत ही बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
स्वामी जी की सीख प्रभु, कर दे सबको बाध्य ।
जवाब देंहटाएंसर्वोपरि हो देश हित, मातृभूमि आराध्य ।
मातृभूमि आराध्य, धर्म से ऊपर दर्जा ।
जाति-पंथ की बात, करेगी अब नहिं परजा ।
कहें विवेकानंद, भरो तुम सारे हामी ।
जीवन भर आनंद, कहे कब का यह स्वामी ।।
26 जनवरी आने ही वाली है। देशभक्त रचना के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.......
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही बढिया।
जवाब देंहटाएंहिंदू,मुसलिम,सिक्ख,इसाई,
जवाब देंहटाएंसबको प्रेम का पाठ पढ़ाएगें!!
padhna kaun chahata hai ? sirf ladana ...
मातृभूमि की रक्षा में वीर सपूत लगे हुये हैं ... पर वीर सपूतों के लिए हम और हमारी सरकार क्या कर रही है ...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
समय की पुकार, सेना दिवस पर अपने वर सैनिकों को सलाम !
जवाब देंहटाएंनिज जीवन में खून तुम्हारा,
जवाब देंहटाएंअर्पण यह बलिदान बनेगा!
मातृभूमि की जय जयकार,
सारा हिन्दुस्तान करेगा !!
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ . सुंदर प्रस्तुति
वाह .बहुत सुन्दर
उम्दा प्रस्तुति ...सेना दिवस पर शहीदों और वीर सैनिकों को नमन
जवाब देंहटाएंभारत माँ के सरहद पर,
जवाब देंहटाएंशत्रु का तुम हनन करो ..
आमीन ... ये तो कल ही होना था ... पर अगर आज भी तो अच्छा है ...
पर अब हो जाना चाहिए ...
बहुत खुबसूरत..........जय हिन्द।
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही बढिया। .सेना दिवस पर शहीदों और वीर सैनिकों को नमन
जवाब देंहटाएंदेशभक्ति से ओतप्रोत बहुत ही उत्कृष्ट रचना।
जवाब देंहटाएंनई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
सार्थक रचना !!
सुंदर सार्थक भाव
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा ।
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक भाव लिए प्रेरणात्मक रचना.....
जवाब देंहटाएंनई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
प्रकृति ने एक संकेत दिया है,
देश का नया उत्थान करो!!
देश प्रेम को समर्पित सुंदर रचना............
....यह हमारे नेताओं को सोचना है कि वे हमारे देश की प्रतिष्ठा कैसे बचाते हैं ?
जवाब देंहटाएंDesh bhakti se aout-prout sumdar Rachna ...Badhai sweekar kare..
जवाब देंहटाएंसार्थक भाव, सुंदर रचना, देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति .****^^^^****नई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
प्रकृति ने एक संकेत दिया है,
देश का नया उत्थान करो!!
निज जीवन में खून तुम्हारा,
अर्पण यह बलिदान बनेगा!
मातृभूमि की जय जयकार,
सारा हिन्दुस्तान करेगा !!
देशप्रेम से प्रेरित
जवाब देंहटाएंसच्ची पुकार है यह ....
देश प्रेम को समर्पित शानदार रचना सर हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंनिज जीवन में खून तुम्हारा,
जवाब देंहटाएंअर्पण यह बलिदान बनेगा!
मातृभूमि की जय जयकार,
सारा हिन्दुस्तान करेगा !!
देश प्रेम को समर्पित रचना हार्दिक बधाई
सुन्दर देशगान |आभार
जवाब देंहटाएंlahhu ab akheno mai akar jam gaya hai.........or pani ab sar ke upar chad gaya hai.
जवाब देंहटाएंbahut achhi rachna hai....
Dharmendra Singh
बहुत सुंदर रचना!!
जवाब देंहटाएंसेना का वश चल कहां पाता है मान्यवर!
जवाब देंहटाएंनई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
देशभक्ति से ओतप्रोत .....सार्थक रचना !!
desh-bhakti par sunder kavita.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लेख ,,, बहुत बहुत बधाई, शुभकामनाऐ
जवाब देंहटाएंधीरेन्द्र जी, राष्ट्रप्रेम से ओत प्रोत सुंदर कविता के लिए बधाई !
जवाब देंहटाएंनई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
नई एकता की सोच को लेकर,
जवाब देंहटाएंभारत का नव निर्माण करो!
बढ़िया और सामयिक रचना .....आप भी पधारो स्वागत है ...http://pankajkrsah.blogspot.com
जवाब देंहटाएंशानदार रचना | आज ही जोधपुर से १५ दिनों बाद आना हुआ इन पन्द्रह दिनों में ब्लॉग पठन से दूर रहना काफी खला !!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
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