समय की पुकार है,
दिल से बने विशाल समय की पुकार है,
साराजहाँ रहे खुशहाल देश की पुकार है!
छोटी-छोटी बातों से झगडें मत बढाइये,
मुस्करा,टाल दे हाल समय की पुकार है!
मिलकर रह सकते है,फिर भी रहते नही,
करना हल सवाल है, समय की पुकार है!
हिंदू-मुस्लिम सब भाई प्रीत प्यार से रहे,
भाई-चारा हो हर हाल समय की पुकार है!
प्रभु ने हर दम सबको प्यार ही सिखाया है,
प्यारसे हो जग निहाल समय की पुकार है!
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
dheerendra,"dheer"
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब,
जवाब देंहटाएंसमय की पुकार सुनता ही कौन है...........? सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में "धीर" ऐसे काम करके जाइये,
जवाब देंहटाएंआपकी मिसाल दें,यह समय की पुकार है!
बधाई एवं मंगलकामनाएं !
जरुरत है कि समय की पुकार को सुना जाए !! अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंवाकई समय की यही पुकार है यदि कोई सुन सके|
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
वाकई समय की पुकार है!
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ की शुभकामनाएँ..!
बड़ी है धारदार ...आज के समय की पुकार !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
वाह! बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (03-11-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
bilkul sahi kaha samay ki pukar ko sunna jaruri hai ...
जवाब देंहटाएंजिंदगी में धीर ऐसे काम कर जाये सब आपकी दे मिसाल समय की पुकार है ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ।
समय की पुकार....सुन लें सभी....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
सादर
अनु
काश! हर कोई सुने इस समय की पुकार को
जवाब देंहटाएंबड़ी सटीक कविता।
बढ़ाई स्वीकारें !!
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
जवाब देंहटाएंआपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
सादर ...
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
जवाब देंहटाएंआपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
वाह !!!!!!!!!!!
वाह धीरेन्द्र सर क्या बात है बेहद सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें सर
जवाब देंहटाएंकारे कृपण करेज कुछ, काटे सदा बवाल ।
जवाब देंहटाएंइसीलिए तो बुरे हैं, भारत माँ के हाल ।
भारत माँ के हाल, हाल में घटना देखा ।
चोरों की घट-चाल, रेवड़ी बटना देखा ।
जाओ तनिक सुधर, समय नित यही पुकारे ।
चिंदी चिंदी होय, धरा दुष्टों धिक्कारे ।।
क्या बात है धीरेंद्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
समय की पुकार है ..
जवाब देंहटाएंसचमुच
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबधाई
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबधाई
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह!! बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंछोटी-छोटी बातों से झगडें मत बढाइये,
जवाब देंहटाएंमुस्करा,टाल दे हाल समय की पुकार है! ... sahi kathan
समय की पुकार काश ईश्वर सुन ले।
जवाब देंहटाएंवाह जी बहुत खूबसूरत पेशकश .......
जवाब देंहटाएंइस समय समय की पुकार को सुनकर भी अनसुनी कर देने वाले ज्यादा हो गये हैं ,या जानबूझ कर नही सुनते.
जवाब देंहटाएंक्या बात.. क्या बात कही है!!
जवाब देंहटाएंसार्थक विचारों के साथ बहुत सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें...
जवाब देंहटाएंसुन्दर....!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना।वाह क्या बात है।
जवाब देंहटाएंbahut खूब .. दीपावली की बधाई
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुदर और पावन भाव लिए सुंदर रचना ! बधाई !
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण पंक्तियाँ...यही समय की पुकार है....
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
जवाब देंहटाएंआपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
बहुत सही।। सार्थक सन्देश देती रचना।।
आभार
मधुरेश
इस प्रेरक रचना के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंआपने जो विचार यहा कहे हे वास्तव मे इन पर चलकर ही हम एक सुन्दर भारत का निमार्ण कर सकते है
जवाब देंहटाएंयूनिक ब्लॉग---------जीमेल की नई सेवा
कालीखो से घिरे दीप को न देख
जवाब देंहटाएंइस लौ को थोड़ा और जगमगाने दे,
दबी हुई थी हवा, अब बहक गई है
रोक मत कदम बहक जाने दे।
ये गरम हवा का झोका ही सही,
दिलो में जमे बर्फ तो गलाने दे।
हर रोज एक नई तस्वीर छपती है
थक जाय नैन पर उसे निहारने दे।
जो ढूंडते अब एक अदद जगह
रौशनी से उनका चेहरा तो नहाने दे।
न्याय की तखत पे बैठे है जो
उनके बदनीयत की बैशाखी अब हटाने दे।
दिलो में घुट रही है धुआ लोगो के
इन्ही चिंगारी से आशियाना जलाने दे।
जो भीर रहे शासक से, सिरफिरे ही सही
नियत से क्या हकीकत तो जान लेने दे।
परे हुए गर्द कानो के अब हटाने का समय है
सुनो अंजान न बन ये समय की पुकार है।
बहुत ख़ूब जनाब
जवाब देंहटाएंप्रभु ने हर दम सबको प्यार ही सिखाया है,
जवाब देंहटाएंप्यारसे हो जग निहाल समय की पुकार है!
मार्ग दर्शन करता सुंदर गीत. बहुत खूब.
हिंदू-मुस्लिम सब भाई प्रीत प्यार से रहे,
जवाब देंहटाएंभाई-चारा हो हर हाल समय की पुकार है!
बिल्कुल सही, यह समय की पुकार है।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
आपकी रचना की सब मिसाल दे ,समय की पुकार है .... (*_*)
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जवाब देंहटाएंआज के समय की यही पुकार है,,,,,सुंदर उत्कृष्ट प्रेरक रचना,,,,,,लिखते रहिये बधाई,,,,
हटाएंकाश समय की इस पुकार को, देश-मनुज सुन लेता।
जवाब देंहटाएंजिनके बलिदानों से है यह निर्मित,उन आत्मा को सुख मिलता।
मिलकर रह सकते है,फिर भी रहते नही,
जवाब देंहटाएंकरना हल सवाल है, समय की पुकार है!
प्रेरक रचना
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंSahi baat kahi sir aapne!
जवाब देंहटाएंsundar shubhkamna..abhar
जवाब देंहटाएंसभी अगर समय की इस पुकार को
जवाब देंहटाएंसुन ले तो देश का भविष्य सुन्दर हो जायेगा....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
:-)
यह सारे सबक याद करना ज़रूरी है...हम सभी ए लिए.
जवाब देंहटाएंआपकी रचना की सब मिसाल दे ,समय की पुकार है ....
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआदरणीय धीरेन्द्र सिंह जी
नमस्कार
.... समय की पुकार
बहुत बढ़िया
आपकी चर्चा मेरे ब्लॉग पर भी है
जवाब देंहटाएंसुन्दर पुकार..
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