तुम जो मुस्करा दो,
आसमां झुक जाएगा रुत भी बदल जायेगी,
जिंदगी को इक नई ताजगी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
जिंदगी क्या फकत जाना है हमने आपसे,
तीरगी रातों को भी रौशनी मिल जाएगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
खुशनुमा मौसम दीवाना कोयलों का कूकुहाना,
शब्जबागों को तुम्हारी दिलकशी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
बहारे भी है शायराना और हवाऐ आशिकाना,
शबनमी रातों को भी चाँदनी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
dheerendra bhadauriya,,,
आसमां झुक जाएगा रुत भी बदल जायेगी,
जिंदगी को इक नई ताजगी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
जिंदगी क्या फकत जाना है हमने आपसे,
तीरगी रातों को भी रौशनी मिल जाएगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
खुशनुमा मौसम दीवाना कोयलों का कूकुहाना,
शब्जबागों को तुम्हारी दिलकशी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
बहारे भी है शायराना और हवाऐ आशिकाना,
शबनमी रातों को भी चाँदनी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
dheerendra bhadauriya,,,
ग़जब....अब तो मुस्कराना ही पड़ेगा ।
जवाब देंहटाएंतुम जो मुस्करा दो,
जवाब देंहटाएंबहारे भी है शायराना और हवाऐ आशिकाना,
शबनमी रातों को भी चाँदनी मिल जायगी!
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
अति सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंफिर जब मुस्कुराने लगेगी तो पूछेंगे क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो........
जवाब देंहटाएंमुस्कराहट में सब सार छिपा है।
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब ;;;
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंनये प्रयोग के साथ बहुत उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने!
जवाब देंहटाएंअब कोई कैसे रहे बिन मुस्कुराए....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
सादर
अनु
वाह !! मुस्कुराहट बिखेरती रचना...बहुत सुंदर !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रण .....अति सुन्दर मुस्कुराहट बिखेरती रचना !!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar bhaav ...muskurahat bikherate hue ...!!
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen ..
तुम जो मुस्करा दो ,........
जवाब देंहटाएंमुस्कराने के प्रणय पर ,नगीना-ए-सिफ़त का मशविरा भी अगर मिलता तो टाट में पैबंद नहीं लगता , .....मित्र सरस भाव में सहृदयी रचना .....बहुत सुन्दर
नई ताजगी मिल जायगी.nice
जवाब देंहटाएंआसमां झुक जाएगा रुत भी बदल जायेगी,
जवाब देंहटाएंजिंदगी को इक नई ताजगी मिल जायगी!
तुम जो मुस्करा दो,,,,
जिंदगी क्या फकत जाना है हमने आपसे,
तीरगी रातों को भी रौशनी मिल जाएगी!
बहुत खूब!
बड़ी खुशनुमां सी बेहतरीन गज़ल ! आनंद आ गया पढ़ कर !
जवाब देंहटाएंक्या बात
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जिंदगी को इक नई ताजगी मिल जायगी!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
मुस्कुराना वाकई गजब ढा गया :
जवाब देंहटाएंबरसों से वो हमारे सामने
मुस्कुराये तो जा रही हैं
आता कुछ नहीं देखा मैने
बहुत चीजें चली जा रही हैं !
मुस्कुराना ही जिंदगी है अपनी भी और दूसरों के लिए भी !
जवाब देंहटाएंहँसो और हँसाओ । मेरे ब्लॉग पर भी पधारे - http://gyaan-sansaar.blogspot.com/ धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंवो मुस्कुरा देन तो सुबह चल पड़े ... रात आ जाये ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब है हर शेर ...
यूँ भी जो तुम हंसोगे तो दुनिया हँसेगी .. रोवोगे तुम तो ना रोएगी दुनिया ...
जवाब देंहटाएंमुस्कुराहट ही जीवन का सार है...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंजिंदगी क्या फकत जाना है हमने आपसे,
जवाब देंहटाएंतीरगी रातों को भी रौशनी मिल जाएगी!.........वाह मुस्कारना नियामत है ..मुस्कराहट देती सुन्दर रचना
मुस्कराहट से मीठा तो कुछ भी नहीं |
जवाब देंहटाएंदिल का दर्पण है ये मुस्कुराते रहो ||
वाह बेहद खुबसूरत और उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंवाह बेहद खुबसूरत रचना ...मुस्कुराते रहो ||
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat rachna...
जवाब देंहटाएंएक मुस्कराहट पर इतनी खूबियाँ.
जवाब देंहटाएंकाश ! ये मुस्कराहट हमें भी नसीब हो. आभार !!
बधाई ... मुस्कान बखेर दी आपने सब के चेहरों पर !
जवाब देंहटाएंअब कोई कैसे ना मुस्कुराए ।
जवाब देंहटाएंhar sher dil ko chhoo gayaa....kamaal kar diyaa. badhai aapko....
जवाब देंहटाएंआपके हर शेर दिल को छू रहे हैं. बरबस मुस्कान उभर आयी.. बधाई...
जवाब देंहटाएंकिसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार , जीना इसी का नाम है.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत मुस्कुराती हुई ग़ज़ल के लिए दिली दाद कबूल फरमायें.
वाह जी वाह....ये रही हमारी :-))
जवाब देंहटाएंतुम मुस्कुराओ तो प्यार आ जाए .....
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
शब्दार्थ ,व्याप्ति और विस्तार :काइरोप्रेक्टिक
धीरेन्द्र जी कभी - कभी सोंचता हूँ की यदि यह " तुम " नहीं होती , तो दुनिया में क्या होता ? बेहद सुन्दर कविता |
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता,प्रस्तुति,बेहतरीन अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..मुस्कुराहट से बढकर कोई उपहार नहीं..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...|
जवाब देंहटाएंमुस्कराहट की ताक़त को खूब पहचाना है .....वाकई एक मुस्कराहट क्या नहीं कर सकती ..सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंआसमां झुक जाएगा रुत भी बदल जायेगी,
जवाब देंहटाएंजिंदगी को इक नई ताजगी मिल जायगी!
umr ke padav me etani prabhavshali rachana aur pranay ka sundar rekhankan nishchay hi gagar me sagar ko samahit kr rhe hain ap ,,,,,,anant badhai ke patr hai sir, ,,
कल से मैंने अपना चौथा ब्लॉग "समाचार न्यूज़" शुरू किया है,आपसे निवेदन है की एक बार इसपे अवश्य पधारे और हो सके तो इसे फ़ॉलो भी कर ले ,ताकि हम आपकी खबर रख सके । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंहमारा ब्लॉग पता है - smacharnews.blogspot.com
muskurate chalo . geet khushi ke gate chalo !
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी रचना | कुछ दिनों तक बीच में ब्लॉग में न आ पाने के लिए क्षमा |
जवाब देंहटाएंआभार |
खुशनुमा मौसम दीवाना कोयलों का कूकुहाना,
जवाब देंहटाएंशब्जबागों को तुम्हारी दिलकशी मिल जायगी!
क्या बात है !
बेहतरीन रचना !
सुन्दर अंदाज़ में फरमाइश की है.वो अगर मुस्कुराएँ तो मेहनत वसूल हो जाएगी.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा गीत है
जवाब देंहटाएंसाधुवाद.
बहुत सुंदर रचना ... एक मुस्कुराहट से क्या नहीं मिल जाता ।
जवाब देंहटाएंसारा खेल ही इस ज़ालिम मुस्कराहट का है.. :)
जवाब देंहटाएंmuskurahat bahut kuchh bikhertee hai
जवाब देंहटाएंअरे वाह! क्या कहने.
जवाब देंहटाएंअब तो मुस्कुरा ही दीजियेगा जी.
उम्दा ग़ज़ल..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंदिनांक 03/02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
-----------
फिर मुझे धोखा मिला, मैं क्या कहूँ........हलचल का रविवारीय विशेषांक .....रचनाकार--गिरीश पंकज जी
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
वाह||
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना...
शानदार...
:-)