जिन्दगी...
जिंदगी तुझसे बहुत प्यार है,
कितना हंसी तेरा ये साथ है !
मगर तेरे तो दुनिया में रंग हजार,
जी चाहता है हर रंग से करू प्यार !
मन में होता है न जाने क्यों अहसास,
कम दिनों का बचा है तेरा-मेरा साथ !
मगर तेरे साथ कुछ दिन और जीना चाहता हूँ ,
जीवन की अच्छाइयों को परखना चाहता हूँ !
सोचता हूँ, काश कुछ ऐसा हो जाये,
मै तेरी तू मेरी बाहों में समाँ जाये !
कुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,जिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ !
dheerendra,bhadauriya
सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंसादर/
कुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ !
जियो हर पल को निचोड़ो क्षण को ,लूटो मज़े ज़िन्दगी के ,फिर न मिलेगी दोबारा .
ज़िन्दगी से प्यार एक तरफ़ा थोड़ी न है...उसे भी प्यार है आपसे...
जवाब देंहटाएंजीवन में इन्द्रधनुषी छटा छाई रहे...
सुन्दर रचना
सादर
अनु
वाह, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंAAP * रक्षाबंधन * PAR AAYEN .... :)
हटाएंकुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ |
BAHUT SUNDAR .... !!
बेहतरीन तथ्यात्मक सृजन ,आमों -खास से रूबरू होती हुयी ......बधाईयाँ , भदौरिया जी ......
जवाब देंहटाएंजितना भी जियो,आनंद से जियो !
जवाब देंहटाएंकितना कुछ देती है जिन्दगी, प्यार हो जाना स्वाभाविक है।
जवाब देंहटाएंजिंदगी प्रभु का असीम उपकार है हम पर.
जवाब देंहटाएंप्रभु को समर्पित जीवन जीना ही
आनन्दपूर्वक जीना है.
प्रेरक उल्लासमयी प्रस्तुति के लिए आभार,धीरेन्द्र जी.
जीवन जीने का नाम है जितना भी जीयो प्यार से जीयो...प्रेरक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार ७/८/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |
जवाब देंहटाएंjab tak jiye shan s jiye.jindgee baar baar nheen mltee,,,,
जवाब देंहटाएंsunder prastt....
पर मेरा नजरिया इससे कुछ अलग है.वो ये है ...
जवाब देंहटाएंजिन्दगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी,
मौत महबूबा है एक दिन साथ लेकर जाएगी.
मरके जीने की अदा जो दुनिया को दिखलायेगा,
वो मुकद्दर का सिकंदर जानेमन कहलायेगा.
अच्छी प्रस्तुती के लिए आपको बधाई.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ।
जवाब देंहटाएंजियो जिन्दगी धीर धर, नीति-नियम से युक्त |
जवाब देंहटाएंपरहितकारी कर्म शुभ, हंसों ठठा उन्मुक्त ||
क्या बात है ......... ज़िन्दगी से ऐसे सवाल जवाब बहुत खूब ......
जवाब देंहटाएं.क्या बात है ज़िन्दगी से इतने सवाल - जवाब बहुत खूब धीरेन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति धीरेन्द्र जी
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना !!
जवाब देंहटाएंसुंदर, भावुक रचना..!
जवाब देंहटाएं"ज़िंदगी इंद्रधनुषी घेरा है,
कही रात, कहीं सवेरा है,
हर रंग की पगडंडी पर चल कर देखिए...
दूर तलक आपके एहसासों का ही बसेरा है..."
~सादर !!!
जिंदगी से प्यार उसे खुबसूरत बना देती है ..
जवाब देंहटाएंजिंदगी और आपका आपस का प्यार बना रहे ..
सुंदर रचना !
सादर !
बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंवाह, सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत, बेहतरीन अभिव्यक्ति ****
जवाब देंहटाएंbahut appekshayen hoti hain jindgi se!
जवाब देंहटाएंek najar idhar bhi dekhiye..
"E jindgi... mujhe tujhse ..bahut shikayat hai
dher saare dukhon ke sath ik chhoti si khushi"!
sundar prastuti
कुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ !
...बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति..
ज़िन्दगी के सारे रंगों को देखना और जीना... मन तो बहुत चाहता है. सुन्दर रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंevery heart wants to see or take bath in river of life... beautiful expression
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंरंग भरिये खुद जिंदगी में और देखिये जिंदगी के रंग उसके साथ वो कैसे भरती है !
जो ज़िन्दगी को प्यार करते हैं
जवाब देंहटाएंवे हर मुसीबत पार करते हैं।
prabhavshali prastuti .blog jagat ke liye sangrahniy.aabhar
जवाब देंहटाएंजन्म अष्टमी पर शुभकामनाएं |
अन्ना टीम: वहीँ नज़र आएगी
prabhavshali prastuti .blog jagat ke liye sangrahniy.aabhar
जवाब देंहटाएंजन्म अष्टमी पर शुभकामनाएं |
अन्ना टीम: वहीँ नज़र आएगी
जिंदगी के हर रंग को करीब से देख लूं !
जवाब देंहटाएंहर रंग में लुभाती है जिंदगी !
जिन्दगी वाह वाह उत्तम रजना आपको जन्माष्टमी की शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग
bahut sundar sach hai jindagi se jitna liya jae wahi kam hai...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव भरे शानदार पोस्ट।
जवाब देंहटाएंबेकार की बातें न किया कीजिए।
जवाब देंहटाएंआशंकाएं निर्मूल कर जिया कीजिए।।
भदौरिया जी नमस्कार...
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग 'काव्यांजलि' से कविता भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 8 अगस्त को 'जिदंगी...' शीर्षक के कविता को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
धन्यवाद
फीचर प्रभारी
नीति श्रीवास्तव
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंकुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ !
बहुत ही खूबसूरत रचना ...
बहुत बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रंग और कई भाव में रंगी कविता
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !!!
बढ़िया भाव पूर्ण कविता |
जवाब देंहटाएंउठ जाग मुसाफिर भोर भई ,अब रैन कहाँ जो सोवत है .....जीवन चलने का काम ,सुबहो शाम
जवाब देंहटाएंजिंदगी तुझसे बहुत प्यार है,
जवाब देंहटाएंकितना हंसी तेरा ये साथ है !
भाव पूर्ण कविता
सोचता हूँ, काश कुछ ऐसा हो जाये,
जवाब देंहटाएंमै तेरी तू मेरी बाहों में समाँ जाये !
कुछ पल के ही लिए मै तेरे सारे रंग समेट लूँ ,
जिन्दगी हर रंग को बहुत करीब से देख लूँ !
बहुत प्यारे भाव ..जिन्दगी अपना हर प्यारा रंग आप को दे खुशियाँ बरसाए ..
भ्रमर ५
सुन्दर अभिव्यक्ति.. .
जवाब देंहटाएंbahut sundar bhav liye rachna .......jindgi hai bhi aisi hi
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति सर जी..
जवाब देंहटाएंआपका जीवन सतरंगो से भरा हो..
शुभकामनाये...
:-)
कभी कभी सबके दिल मे खयाल आता है......
जवाब देंहटाएंमन में होता है न जाने क्यों अहसास,
कम दिनों का बचा है तेरा-मेरा साथ !
मगर सच तो ये है कि
लाई हयात आये, कज़ा ले चली चले
अपनी खुशी से आये ,न अपनी खुशी चले
कभी कभी सबके दिल मे खयाल आता है......
जवाब देंहटाएंमन में होता है न जाने क्यों अहसास,
कम दिनों का बचा है तेरा-मेरा साथ !
मगर सच तो ये है कि
लाई हयात आये, कज़ा ले चली चले
अपनी खुशी से आये ,न अपनी खुशी चले
सजीव जिंदगी का चित्रण .....
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