आज मुझे गाने दो,
हृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
प्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
नयनों के बादर से, भावों के सागर से,
बरस अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
प्रीतम के प्रीत को, मेरे हर गीत को,
एक हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
जग के कुरीत को, बंधन की रीत को,
टूट अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
सुरभित पवन को, पल्लिवत चमन को,
गीत गुनगुनाने दो ,आज मुझे गाने दो!
चाँद और चकोर को, वर्षा और मोर को,
मिल अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
झील के किनारों से , मस्त नजारों से,
स्वर को लहराने दो, आज मुझे गाने दो!
बसंत सुगंत को, पुष्प और मकरंद को,
बिखर अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
DHEERENDRA,"dheer"
प्रीतम के प्रीत को, मेरे हर गीत को,
जवाब देंहटाएंएक हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
तुम राधे बनो श्याम सी मीठी रागिनी है ये रचना .बधाई .
कृपया यहाँ भी पधारें -http://veerubhai1947.blogspot.in/
शरीर की कैद में छटपटाता मनो -भौतिक शरीर
http://veerubhai1947.blogspot.in/
कृपया यहाँ भी दस्तक देवें .शुक्रिया .
बुधवार, 9 मई 2012
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_3409.हटमल
जीवन में बड़ा मकसद रखना दिमाग में होने वाले कुछ ऐसे नुकसान दायक बदलावों को मुल्तवी रख सकता है जिनका अल्जाइमर्स से सम्बन्ध है .
आज मैं रोकने वाला भी नहीं...!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति, भावों का बाँध तोड़ बहने को आतुर शब्द..
जवाब देंहटाएंबहुत....ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंमस्त कोकिला सी मधुर, बही सरस स्वर-धार |
जवाब देंहटाएंसाधुवाद हे कवि-हृदय, बार-बार आभार |
बार-बार आभार, चाँद धरती पर आया |
टूटे बंधन-रीत, प्यार से धीर मिलाया |
रविकर पढ़कर मस्त, गीत क्या खूब रचाया |
कोटि कोटि परनाम, माँ शारद की माया |
कोटि कोटि परनाम, शारदे माँ की माया |
हटाएंखुशियाँ ही खुशियाँ हो ... मन मयूर गीतों पर नाच उठे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्राकृतिक उपालाम्भों से युक्त
जवाब देंहटाएंहृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो
बसंत सुगंत को, पुष्प और मकरंद को,
बिखर अब जाने दो, आज मुझे गाने दो
ह्रदय के उदगार ,अति सुन्दर ..... !!
चाँद और चकोर को, वर्षा और मोर को,
जवाब देंहटाएंमिल अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
बहुत मधुर गीत है...
नयनों के बादर से, भावों के सागर से,
जवाब देंहटाएंबरस अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
सुंदर भाव संयोजन ... सुंदर गीत
मैं भी तैयार हूं सहगान को।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर धीरेंद्र जी
जवाब देंहटाएंक्या कहने
बहुत सुंदर...............
जवाब देंहटाएंगाइए...जी भर के गाइए.......
झूमते गाइए....
सादर.
हृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
har pankti sundar lagi .......
बेहद खूबसूरत लय के साथ ..सुन्दर शब्दों की अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंझील के किनारों से , मस्त नजारों से,
जवाब देंहटाएंस्वर को लहराने दो, आज मुझे गाने दो !
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ...
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ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
गाइए और खूब गाइए ....जब तक मन पुलकित न हो जाये !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
waah bahut hi sundar geet
जवाब देंहटाएंहृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
नयनों के बादर से, भावों के सागर से,
बरस अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!....aaj to aapke sath mera bhee man gaane ko kar raha haia..bahut hee acchi ghazal..sadar badhayee ke sath
हृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!.......बहुत सुन्दर......यूँ ही गाते रहिए....धीरेन्द्र जी
बसंत सुगंत को, पुष्प और मकरंद को,
जवाब देंहटाएंबिखर अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
bahut sundar parstiti .............aabhar
जवाब देंहटाएंसुंदर अति सुंदर रचना ,......
जवाब देंहटाएंsundar kavita
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
लेखनी से जब गिरें.....झर स्वर्ग के मोती... सी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंआभार इन खूबसूरत पंक्तियों के लिये
प्रीतम के प्रीत को, मेरे हर गीत को,
जवाब देंहटाएंएक हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
अतिसुन्दर , बहुत ही अच्छी प्रस्तुती .
जग के कुरीत को, बंधन की रीत को,
जवाब देंहटाएंटूट अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
बहुत खूब
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
एक बार फिर कमल की लेखनी
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat..
जवाब देंहटाएंबसंत सुगंत को, पुष्प और मकरंद को,
जवाब देंहटाएंबिखर अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
मनमोहक अभिव्यक्ति ....
ह्रदय वीणा पर, मीठे सुर लहराने दो
जवाब देंहटाएंमुझे मत रोको , मुझे गाने दो.....!
अति सुन्दर रचना... आभार
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंशब्द शब्द भाव से भरा ...
अद्भुत ....!!
शुभकामनायें ...!!
गाया मेरे मीत ने , ऐसा सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंदसों दिशाओं गूँजता,जीवन का संगीत
जीवन का संगीत, झूमते ताल तलैया
नन्हें नन्हें सुख,करत हैं ता ता थैया
अटकन मटकन दही ,चटाकन को मन भाया
ऐसा सुंदर गीत, मीत ने मेरे गाया.
बेहतरीन प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति! आपकी कविता में भाव की बहुलता इसे पठनीय बना देती है । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिखा है, सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति.
→ आपको सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ ,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..
आपका
सवाई सिंह{आगरा }
प्रीतम के प्रीत को, मेरे हर गीत को,
जवाब देंहटाएंएक हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
अहाहा सहज, सरल और सुंदर गेय गीत, जिसे गाने में मज़ा आया।
बहुत सुन्दर भावपूर्ण और लयबद्ध रचना |बहुत अच्छी लगी |
जवाब देंहटाएंआशा
जग के कुरीत को, बंधन की रीत को,
जवाब देंहटाएंटूट अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
बहुत सुंदर गीत. बेहतरीन प्रस्तुति.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपकी रचना जितनी बार पढिए, लगता है पहली बार पढ रहा हूं।
bahut achchi lagi.....
जवाब देंहटाएंहृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
जग के कुरीत को, बंधन की रीत को,
टूट अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
आदरणीय धीरेन्द्र जी बहुत सुन्दर भाव ..कोमल रचना मन गुनगुना उठा ..जय श्री राधे
भ्रमर ५.
पल्लवित बना दे एक शब्द ...
वाह! क्या बात है...
जवाब देंहटाएंझूम झूम जाने दो,
झूम झूम गाने दो।
- सारी द्विधाओँ से मुक्त हो जाने दो ,
जवाब देंहटाएंगाने दो !
Nice post.....
जवाब देंहटाएंगाइये धीर साहब जी भर गाइये! इतने सुंदर भाव लिए सारी सृष्टि महकाइये !
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति !
bahut hi sundar geet ! badhai kabule!
जवाब देंहटाएंप्रीतम के प्रीत को, मेरे हर गीत को,
जवाब देंहटाएंएक हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
सुंदर गीत, सुंदर भाव।
मनभावन गीत |
जवाब देंहटाएंविजुअल बेसिक-6.0 पाठ नंबर - 5, अब हिंदी में
हृदय की पीड़ा को, प्रेम रस वीणा को,
हटाएंप्रकट हो जाने दो, आज मुझे गाने दो!
नयनों के बादर से, भावों के सागर से,
बरस अब जाने दो, आज मुझे गाने दो!
par kya isn geeton ki pida koi samajhta bhi hai
मधुर गीत .....व्याकरण की त्रुटिय़ाँ अखरती हैं । कृपया पल्लिवत को पल्लवित कर दें ।
जवाब देंहटाएंकोमल भावों का मधुर संगीत लिए गाती गुनगुनाती, प्यारी सी रचना!
जवाब देंहटाएं