गुजारिश
बागों में फूल तोडने गया
मगर कांटा चुभ गया
काँटों की गुजारिश थी
कि फूल बहुत कोमल है
हाथ न लगाओ,
मगर दिल बेचारे की दिल से गुजारिश थी,
कि वो फूल की खुशबू में डूबना चाहता है -
मगर क्या खबर माली को
अगर काँटा चुभ जाऐ
तो कितनी तकलीफ होती है दिल को,
फूल से अच्छे कांटे होते है
जो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
मगर कांटा चुभ गया
काँटों की गुजारिश थी
कि फूल बहुत कोमल है
हाथ न लगाओ,
मगर दिल बेचारे की दिल से गुजारिश थी,
कि वो फूल की खुशबू में डूबना चाहता है -
मगर क्या खबर माली को
अगर काँटा चुभ जाऐ
तो कितनी तकलीफ होती है दिल को,
फूल से अच्छे कांटे होते है
जो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
dheerendra singh bhadouriya,
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
very right
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंमुरझाने का खौफ़ नहीं होता
सादर
दोस्त से अच्छे दुसमन होते है जो हरवक्त नाम लेते हैं ....बहुत खूब !!
जवाब देंहटाएंफूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
बहुत खूब*********
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
.बहुत लाजबाब .......
खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर !
जवाब देंहटाएंफूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
वाकई नजर की बात है, बहुत ही खूबसूरत सोच.
रामराम.
बहुत ही खूबसूरत सोच..बहुत लाजबाब .......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंअंतिम चार पंक्ति अनुपम अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंlatest post मेरी माँ ने कहा !
latest post झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
बहुत सुन्दर रचना...
सादर
अनु
सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंफूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है..
बहुत सुन्दर ...
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो फूल के प्रहरी होते है !
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है... वाह: बहुत खूब
आपकी पोस्ट को आज की बुलेटिन अंतर्राष्ट्रीय जल सहयोग वर्ष .... ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ...आभार।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ,,, हर्षवर्धन जी
हटाएंवाह , बहुत सुंदर , आभार
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारे ,
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_5.html
behtareen bhawabhivyakti..
जवाब देंहटाएं.blog bulletin ke raste yahan pahuchna sukhad raha :)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (07-07-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/“ मँहगाई की बीन पे , नाच रहे हैं साँप” (चर्चा मंच-अंकः1299) <a href=" पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति, बहुत लाजबाब
जवाब देंहटाएंमैं भी कितना भुलक्कड़ हो गया हूँ। नहीं जानता, काम का बोझ है या उम्र का दबाव!
जवाब देंहटाएं--
पूर्व के कमेंट में सुधार!
आपकी इस पोस्ट का लिंक आज रविवार (7-7-2013) को चर्चा मंच पर है।
सूचनार्थ...!
--
मेरी रचना को मंच में शामिल करने के लिए आभार,,,
हटाएंलाजबाब !!!
जवाब देंहटाएंकाँटों की चुभन और दिल की चाहत , सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंकविता की अंतिम पंक्तियों ने धमाल मचा दिया
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत ,सार्थक और सटीक काव्याभिव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंसाभार ....
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या बात
bahut sunder guzarish
जवाब देंहटाएंबढ़िया है धीर भाई-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
वाह बहुत सुन्दर...आखिरी चार पंक्तियाँ तो दिल को भा गईं।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... फूलों से अच्छे कांटे .... पर जब चुभते हाँ तो एहसास करा जाते हैं फूलों का भी ..
जवाब देंहटाएंफूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है... वाह बहुत सुन्दर
कांटे फूल की रक्षा करते हैं जो फूल को कष्ट पहुंचाता है उनका शिकार बन जाता है |
जवाब देंहटाएंआशा
काँटा भी कभी कभी कितना सही होता है अपनी जगह पर
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
utkrisht rchnaa.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब भाई ..
जवाब देंहटाएंबधाई !
दोस्त से अच्छे दुश्मन.फ़ूल से भले कांटे.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
कसम खुदा की ऐसी ही मुस्कुराहटें देख आया हूँ भगवान के घर में जहां स्वयं भगवान ही होस्ट था उस जगह का नाम है -पीस विलेज ,ए ब्रह्माकुमारीस री -ट्रीट सेंटर ,पता है ,
जवाब देंहटाएं54 ,O'Hara Road (at Route 23 A ).Haines Falls ,New-York 124 36
Phone :518 -589 -50000
peace-village@bkwsu.org
लेकिन आपने वहां जाए बगैर इतनी सुन्दर रचना लिख दी बुद्धि की आँखों से सचमुच त्रिनेत्रीं हैं आप .
तस्बीह के दानों जैसी वह , लगती है सदा , पाकीज़ा सी !
मरियम सी कभी,सीता सी कभी और चाहे बनना ज़हरा सी !
हाँ ऐसी इच हैं ये सब शिव -शक्तियां .इनमें अमरीकी भी हैं .
ॐ शान्ति .
बहुत खूब .
भावनाओं और यथार्थ में ऐसा ही कुछ अन्तर होता है । सुन्दर कविता । विलम्ब से, लेकिन हदय से आपको जन्मदिन की अनेकानेक बधाइयाँ । सादर ।
जवाब देंहटाएंफूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है...
wah sir ji bahut khoob aanand aa gya
फूल से अच्छे कांटे होते है
जवाब देंहटाएंजो दामन को थाम लेते है.
दोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जो हर वक्त नाम लेते है..
सटीक बात कही भदौरिया साहब !
आपका अनुभव हमेशा काम आयेगा। अच्छे अल्फाज़
जवाब देंहटाएंदोस्त से अच्छे दुश्मन होते है
जवाब देंहटाएंजो हर वक्त नाम लेते है...
..क्या बात है!
bahu khoob :)
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