मुझे जिन्दगी ने रुलाया बहुत है,
मेरे दोस्त ने आजमाया बहुत है!
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
मेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
हटा लो ये आँचल मुझे भूल जाओ,
सर पे बदनसीबी का साया बहुत है!
घर तो क्या मै ये शहर छोड़ जाऊं,
अजीजो ने मुझको समझाया बहुत है!
बरकत बहुत दी है मुझको खुदा ने.
धीर ने खोया है कम,गम पाया बहुत है!
dheerendra,"dheer"
बेहतरीन ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
बेहतरीन अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंवाह सर वाह बेहतरीन शानदार ग़ज़ल बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंसभी शेर मुकम्मल... दाद स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंधीर ने खोया है कम,गम पाया बहुत है!
जवाब देंहटाएंहटा लो ये आँचल मुझे भूल जाओ,
जवाब देंहटाएंसर पे बदनसीबी का साया बहुत है!..
बहुत खूब ... कमाल का शेर है लाजवाब गज़ल का ...
छोटी बहर की खुबसूरत ग़ज़ल ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंsir ji,bahut khoob,behatareen gazal,घर तो क्या मै ये शहर छोड़ जाऊं,
जवाब देंहटाएंअजीजो ने मुझको समझाया बहुत है!
बरकत बहुत दी है मुझको खुदा ने.
धीर ने खोया है कम,गम पाया बहुत है!
nice one.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार !
बेहतरीन शानदार ग़ज़ल बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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जवाब देंहटाएंघर तो क्या मैं ये शहर छोड़ जाऊं,
अजीज़ों ने मुझको समझाया बहुत है!
बढ़िया गजल साहब जी .सुन्दर अशआर सारे के सारे .आभार आपकी टिपण्णी का .
बरकत बहुत दी है मुझको खुदा ने.
जवाब देंहटाएंधीर ने खोया है कम,गम पाया बहुत है!
बहुत सुन्दर .....
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 5/2/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है
जवाब देंहटाएंआभार ,,,,राजेश जी.....
हटाएंशानदार अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना :)
जवाब देंहटाएंलाजवाब..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन !
जवाब देंहटाएंबरकत बहुत दी है मुझको खुदा ने.
जवाब देंहटाएंधीर ने खोया है कम,गम पाया बहुत है!
बहुत खूब !
अच्छी है ग़ज़ल.
behatarin
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसुन्दर गजल
सादर !
शानदार ग़ज़ल... बधाई...
जवाब देंहटाएंकोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
जवाब देंहटाएंमेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
हटा लो ये आँचल मुझे भूल जाओ,
सर पे बदनसीबी का साया बहुत है!
लाजवाब. ग़ज़ल
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लाजवाब गज़ल ...
जवाब देंहटाएंघर तो क्या मै ये शहर छोड़ जाऊं,
जवाब देंहटाएंअजीजो ने मुझको समझाया बहुत है!
.......वाह क्या बात है ....लाजवाब
निसंदेह लाजवाब .....!!
जवाब देंहटाएंbahut si hundar, behtreen rachna
जवाब देंहटाएंकोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
जवाब देंहटाएंमेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
ये गम चाँद बन कर,चमकने लगा है
हमें इस गज़ल ने लुभाया बहुत है....
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
जवाब देंहटाएंमेरा घर गमो से सजाया बहुत है....सुदर गजल
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
जवाब देंहटाएंमेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
बहुत सुंदर रचना
क्या कहने
जिसने खोया कम पाया ज्यादा है..वह किस्मतवाला है..सुंदर गजल...
जवाब देंहटाएंWah......bahuat vadhia gazal.....
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
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जवाब देंहटाएंकोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
मेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
बढिया गज़ल ।
behtreen Gazal....
जवाब देंहटाएंवाह ...बेहतरीन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ...:)
जवाब देंहटाएंधीर ने खोया है कम, गम पाया बहुत है ...
जवाब देंहटाएंजनाब इस एक पंक्ति ने दिल का मर्म बयां कर दिया | अत्यंत सुन्दर तथा भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण | आपकी लेखनी से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है | साँझा करने के लिए बहुत बहुत आभार |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
Simply superb . like It.
जवाब देंहटाएंहम जैसों को इस दिल ने भी सताया बहुत है ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें!
बहुत बढ़िया और सुन्दर अभिवयक्ति...धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
बढ़िया और लाजवाब।
जवाब देंहटाएंकृपया मेरी नई पोस्ट "चीन की महान दीवार" को भी अवश्य देखें। धन्यवाद।
ब्लॉग पता :- gyaan-sansaar.blogspot.com
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
जवाब देंहटाएंमेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
उम्दा गज़ल
कहने की हैं ये बातें,कहना था कुछ भी यों ही
जवाब देंहटाएंजीवन में जिसने खोया,पाया वही बहुत है !
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसभी महानुभावों का बहुत२ शुक्रिया,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना और शब्द चयन |
जवाब देंहटाएंआशा
sundar shabdon ke saath behatarin gajal.....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और सुन्दर अभिवयक्ति..
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