हमको रखवालो ने लूटा
देश को लूटा गद्दारों ने,दिल्ली दिलवालों ने लूटा,
अस्मत गिरवी रखकर ,हमको रखवालो ने लूटा !
अपना माल समझकर ,जिसको देखो लूट रहा है,
अंधीलूट में अज्ञानी बन,घर को घरवालो ने लूटा !
मधु भी न बची अछूती ,भरते जहां रोज प्याला,
बदनाम हुई मधुशाला,मधु के मतवालों ने लूटा !
प्रवचन और उपदेश बहाने ,बन बैठे खुद ईश्वर,
फँसे अज्ञानी भक्त ,बाबा बन नक्कालों ने लूटा !
अभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
तुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
मधु भी न बची अछूती ,भरते जहां रोज प्याला,
बदनाम हुई मधुशाला,मधु के मतवालों ने लूटा !
प्रवचन और उपदेश बहाने ,बन बैठे खुद ईश्वर,
फँसे अज्ञानी भक्त ,बाबा बन नक्कालों ने लूटा !
अभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
तुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
बढिया रचना है बधाई।
जवाब देंहटाएंbeshk ek behatareen rachana,ek bolti sacchayee देश को लूटा गद्दारों ने,दिल्ली दिलवालों ने लूटा,
जवाब देंहटाएंअस्मत गिरवी रखकर ,हमको रखवालो ने लूटा !
अपना माल समझकर ,जिसको देखो लूट रहा है,
अंधीलूट में अज्ञानी बन,घर को घरवालो ने लूटा !
बिलकुल सही.सार्थक भावपूर्ण अभिव्यक्ति बधाई भारत पाक एकीकरण -नहीं कभी नहीं
जवाब देंहटाएंअपने ही अपनों को लुटते हैं .....सार्थक लेखनी
जवाब देंहटाएंखरे खरे ...सत्य वचन
जवाब देंहटाएंप्रवचन और उपदेश बहाने ,बन बैठे खुद ईश्वर,
जवाब देंहटाएंफँसे अज्ञानी भक्त ,बाबा बन नक्कालों ने लूटा !
रौशनी बांटने वालों की संदिग्द है रौशनी ....
nice
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
वाह ! लाजबाब अभिव्यक्ति ,अभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो !!
अभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
बहुत सुंदर संदेश देती हुई सामयिक गज़ल
देश को लूटा गद्दारों ने,दिल्ली दिलवालों ने लूटा,
जवाब देंहटाएंअस्मत गिरवी रखकर ,हमको रखवालो ने लूटा !
एक एक पंक्ति सत्यता बयां करती है। वाकई हमे तो ना जाने कितने गद्दारों ने लूटा।
श्रीमान जी रखवाले है हि कहा हर जगह लूटैरे है यहा तो
जवाब देंहटाएंयुनिक तकनीकी ब्लाग
बेहद लाजबाब रचना.शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंवाह धीरेन्द्र सर जवाब नहीं आपका लाजवाब सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंRECENT POST चाह है उसकी मुझे पागल बनाये
इस लूट में खुद को लुटने से बचा लें,यही बहुत होगा हमारे लिए।
जवाब देंहटाएंलूट के इस खेल के प्रति आक्रोश की अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
बढ़िया है सर जी !
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
तुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
सीधी - सपाट पर सच्ची खरी बात... लाजबाब अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंवाह.
जवाब देंहटाएंकभी उस से, कभी इस से, और न जाने किस किस से.... रोज लूटे हम.
हमको उजियालों ने लूटा...वाह
जवाब देंहटाएंघर वाले ही लूट गये, ख़ज़ाना उनको ही तो मालूम था।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...सभ्य समाज के लुटेरो से अवगत कराती सुंदर प्रस्तुति।।
जवाब देंहटाएंआम आदमी की पीड़ा को आपने मुखर स्वर दे दिया कविता के शिल्प में |आभार
जवाब देंहटाएंआपकी रचना की चर्चा भास्कर भूमि में भी
जवाब देंहटाएंhttp://bhaskarbhumi.com/epaper/inner_page.php?d=2012-12-14&id=8&city=Rajnandgaon
लाजबाब अभिव्यक्ति.....बधाई..
जवाब देंहटाएंसत्य वचन ...धीर जी आपकी चिंता वाजिब है !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये!
सच कहा आपने २४ कैरेट की तरह खरे ख्यालात .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन, अति सार्थक व सत्य का दर्पण दिखती अति प्रभावी रचना।काश यह उनके हृदय को स्पर्श करे जो देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करते रहे हैं।
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन ,भावो से परिपूर्ण ****^^^^***** अभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा
bahut sundar rachna..
जवाब देंहटाएंक्या बात है.. बहुत ही शानदार रचना!!
जवाब देंहटाएंsatik!
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा ! ...वाह ्बहुत बढ़िया..शानदार रचना!!
बढ़िया सार्थक रचना |
जवाब देंहटाएंसुन्दर कृति
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण रचना ....!!
जवाब देंहटाएंजिसको जिसने भी लूटा हो, हमने तो इस काव्य रचना के पठन का आनन्द लूटा।
जवाब देंहटाएंहमको तो रखवालों ने लुटा .........सटीक रचना !!
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
फँसे अज्ञानी भक्त ,बाबा बन नक्कालों ने लूटा ...
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार रचना, आजकल लूटने वालों से ज्यादा लुटने वाले आगे है :)
बहुत बढिया काव्य रचना |
जवाब देंहटाएंटिप्स हिंदी में पर नयी पोस्ट : पैराग्राफ सेटिंग के 10 तरीके उदाहरण
सच को कहती अच्छी गजल
जवाब देंहटाएंप्रवचन और उपदेश बहाने ,बन बैठे खुद ईश्वर,
जवाब देंहटाएंफँसे अज्ञानी भक्त ,बाबा बन नक्कालों ने लूटा !
सच्चाई बयां करती रचना
बहुत शानदार ग़ज़ल शानदार भावसंयोजन हर शेर बढ़िया है आपको बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
...बहुत सुन्दर और सटीक गज़ल...
वाह ...बढ़िया प्रस्तुति ...:)
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंकामना करें कि नए वर्ष में सब अच्छा ही अच्छा हो।
लाजबाब रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सटीक गज़ल...
जवाब देंहटाएंअभी बची यदि खुद्दारी हो,अपने को मत लुटने दो,
जवाब देंहटाएंतुमको लूटा अंधियारों ने,हमको उजियालों ने लूटा !
बहुत सुंदर प्रस्तुति.