शहीदों को याद करना बस काफी नही,
१५- अगस्त को उन पर आँसू बहाइये!
नेता नही वे देश के है अमर भारती,
यादों के लिए उनकी प्रतिमा बनाइये!
कितने शहीद हो गये आजादी के नाम पर
जन जागरण में उनकी भी गाथा सुनाइये!
तुरबत पर उनके फूल चढाना नहीं काफी,
नगरों में इनके नाम की बस्ती बसाइये!
बलिदान शहीदों का शहादत है देश की,
देकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये!
माँ को नमन कीजिये जिनके वे लाल थे,
उन माँ की चरण -रज को माथे लगाइए!
जिन बहनों के भाई समर शहीद हो गए,
भाई बनकर उन बहनों से राखी बधाइये!
वे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
अब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
१५- अगस्त को उन पर आँसू बहाइये!
नेता नही वे देश के है अमर भारती,
यादों के लिए उनकी प्रतिमा बनाइये!
कितने शहीद हो गये आजादी के नाम पर
जन जागरण में उनकी भी गाथा सुनाइये!
तुरबत पर उनके फूल चढाना नहीं काफी,
नगरों में इनके नाम की बस्ती बसाइये!
बलिदान शहीदों का शहादत है देश की,
देकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये!
माँ को नमन कीजिये जिनके वे लाल थे,
उन माँ की चरण -रज को माथे लगाइए!
जिन बहनों के भाई समर शहीद हो गए,
भाई बनकर उन बहनों से राखी बधाइये!
वे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
अब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
बहुत खूब |
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना |
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें |
पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और आप सब की ओर से ६५ वे स्वतंत्रता दिवस से पहले उषा मेहता जी और उन के खुफिया कांग्रेस रेडियो को याद करते हुये आज की ब्लॉग बुलेटिन लगाई है जिस मे शामिल है आपकी यह पोस्ट भी ...पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना |
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें |
सादर
अनु
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें...
स्वतन्त्रता-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता-दिवस की शुभकामनाएं ..........बहुत सुन्दर रचना|
जवाब देंहटाएंअन्धकार में समां गए जो तूफानों के बीच जले
जवाब देंहटाएंमंजिल उनको मिली कभी जो चार कदम भी नहीं चले
क्रांतिकथा में गौण पड़े है गुमनामी की बाहों में
गुंडे तस्कर तने खड़े है राजमहल की राहों में
यहाँ शहीदों की पावन गाथाओं को अपमान मिला
डाकू ने खादी पहनी तो संसद में सम्मान मिला
राजनीति में लोह पुरुष जैसा सरदार नहीं मिलता
लाल बहादुर जी जैसा कोई किरदार नहीं मिलता
ऐरे गैरे नत्थू खैरे तंत्री बनकर बैठे है
जिनको जेलों में होना था मंत्री बनकर बैठे है
जाने किसका क्या है मक़सद,कौन है सच्चा,झूठा कौन
जवाब देंहटाएंकिस पर करे भरोसा जनता,छोड़े किसको फ़रमाइए!
क्या कहने धीरेंद्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें...जय हिंद
जवाब देंहटाएंसार्थक संवेदनशील रचना , यथार्थ को यथोचित स्थान देता काव्य प्रवाह ....मंगल दिवस की शुभकामनयें .../
जवाब देंहटाएंबलिदान शहीदों का शहादत है देश की,
जवाब देंहटाएंदेकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये!
......... बहुत बढिया ........
स्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत ............शुभकामनाएँ.........
.............जयहिन्द............
............वन्दे मातरम्..........
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंबात देश की करने से पहले
क्यों ना अब देखें हम
घर मोहल्ले अपने अपने
देश को जरूर बचायेंगे
चलिये पहले सब अपने
शीशे के घर तुड़वाइये !
बहुत सुन्दर संदेशपरक कविता सही है इस आजादी को हमे ही बचाना है हमारी आनेवाल पीढ़ी को यही समझाना है स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंकिनके नाम ??????????? याद भी कितनों के हैं ? भगत सिंह, सुखदेव , ..... की माँ और थीं और न भगत होना आसान है न उसकी माँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की बधाई
वे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
जवाब देंहटाएंअब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
bahut khoob likha aapane...
बहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
नमन है उन स्वतंत्रता सैनानियों को , उन आज़ादी के दीवानों को , उन शहीदों को जिन्होंने हमारे सुनहरे भविष्य के लिए अपना वर्तमान और सर्वस्व देश पर न्यौछावर कर दिया .
जवाब देंहटाएंजय हिंद .
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशहीदों को बढ़िया श्रद्धांजलि दी है आपने
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएं"जिन बहनों के भाई समर शहीद हो गए,
भाई बनकर उन बहनों से राखी बधाइये!"
कितने पावन भाव हैं ! बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएं"बंधाइये ,बन्धवाइये".बढिया प्रस्तुति राष्ट्र प्रेम के ज़ज्बे से संसिक्त .यौमे आज़ादी मुबारक . यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
बुधवार, 15 अगस्त 2012
TMJ Syndrome
TMJ Syndrome
http://veerubhai1947.blogspot.com/
आपको ढेरों शुभकामनायें!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक भाव जगाती रचना,..
जवाब देंहटाएंआपको भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये
:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
wah.....amar shahid....bhawuk kar diya apne
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन कीजिये जिनके वे लाल थे,
जवाब देंहटाएंउन माँ की चरण -रज को माथे लगाइए!
........bahut badhiya ....swtantrta divas ki hardik shubh kamnaye..
स्वतंत्रता दिवस पर भावभीनी अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएं"....नगरों में इनके नाम की बस्ती बसाइये!......"
पंक्ति के विषय में कहना है कि राम प्रसाद विस्मिल, चन्द्र शेखर आजाद या खुदी राम बोस के नाम से कितने नगर बसे हैं इन पैंसठ वर्षों में. सोचनीय है.
बलिदान शहीदों का शहादत है देश की,
जवाब देंहटाएंदेकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये!
माँ को नमन कीजिये जिनके वे लाल थे,
उन माँ की चरण -रज को माथे लगाइए!
प्रिय धीरेन्द्र जी बहुत खूब ....सच कहा आप ने वे तो कुर्बानी दे के हमें कुछ दे के ही गए हम भूल गए अब अपना कर्म ही बचाए काश लोग सोचें कुछ धनात्मक रुख लें
भ्रमर ५
बहुत ही सुन्दर सलाह सभी देशवासियों को।
जवाब देंहटाएंआजादी की सालगिरह आपको भी मुबारक..बहुत सुंदर, जोश भरी देशभक्ति की रचना..बधाई!
जवाब देंहटाएंबलिदान शहीदों का शहादत है देश की,
जवाब देंहटाएंदेकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये!
...बहुत प्रेरक प्रस्तुति...शहीदों को नमन!
क्या बात है सर जी...आप तो छा गए।
जवाब देंहटाएंबेहद सार्थक रचना लिखी है आपने!
satik..sarthak rachna
जवाब देंहटाएंआजादी की सालगिरह आपको भी मुबारक । शहीदों के व्यव्हार सा अपना वर्तन बनाइये ।
जवाब देंहटाएंजोरदार रचना...
जवाब देंहटाएंसादर बधाइयाँ...
...एक ही ध्येय होना चाहिए कि हमें केवल देश को देखना है !
जवाब देंहटाएंआजादी के रंगों में नहाई हुई खुबसूरत कविता के लिए बधाई .
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत ही भावपूर्ण्………
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन कीजिये जिनके वे लाल थे,
उन माँ की चरण -रज को माथे लगाइए!
देश के प्रति आपके इस जज्बे को मेरा सलाम ...!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति !
आभार !
बहुत खूब |
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना |
बहुत बढ़िया रचना ......देश को समर्पित !
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल...हरेक शेर अपने में लाजवाब है.
जवाब देंहटाएंबहुत सी सुन्दर वर्णन किया है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंसिर्फ खोखली बातें काफी नहीं हैं, दिल में जज्बे का होना ज़रूरी है ... आज़ादी यूँ ही नहीं मिल गयी थी ....ऐसा कुछ कहती है आप की पोस्ट. बहुत सुन्दर. आभार !
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna dheerandra ji ..sarthak post badhai
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गज़ल...धीरेन्द्र जी ....
जवाब देंहटाएं--------यह मुकफ्फा गज़ल है.....बिना रदीफ के ....
चाहे गीतों के माध्यम से या हों ग़ज़ल के शेर आपके कथन दिल की गहरे तक उतर जाते हैं और नित नए सन्देश दे जाते हैं .आपके देश प्रेम के जज्ज्बे को प्रणाम .खुबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
जवाब देंहटाएंऔर बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
http://madan-saxena.blogspot.in/
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