दोहे
धार ओर मुख नाव का, फिर तू काहे खेय !
अमिय देय दुश्मन मरे,तब बिष काहे देय !!
खटको से तू वारकर, चाहे तू जितनी बार !
प्रेम ढाल से रोक कर, करूँ प्यार से वार !!
लाखों पाप जुटाय के, तीरथ करे का होय !
अग्निमें घृत डाल के,सोचा प्रभु खुश होय !!
परवाने और अनल का,कुछ क्षण का खेल !
वैसे सज्जन दुर्जन का, कभी न होए मेल !!
रामायण और गीता पढ़ी, पढ़ा वेद पुरान !
फिर भी दुर्जन पाप करे, रहे सदा अज्ञान !!
पीली कमरी ओढ़ली, लिखा रामका नाम !
सोचा प्रभु खुद आयेगें, देगें निज वरदान !!
रिक्तभूमि को छोड़के,मिला भाग्य जे होये !
ऐसे पर प्रभु दया नहि, आशा वादी रॉये !!
ढोल मंजीरा हवन से, पशु पक्षी भाग जाय !
ऐसे में तुम सोचते, प्रभु निकट तुम्हारे आय !!
मुंड घोटा और स्वांग कर, पंडा करे अलाप !
ऐसे में प्रभु बात क्या, जाये निशाचर भाग !!
धड माँस पूरा लिया, सर प्रभु दिया चढाय !
पुन्यपुन्य सब ले लिया, पाप खुदा ले जाय !!
Dheerendra,bhadauriya
धार ओर मुख नाव का, फिर तू काहे खेय !
अमिय देय दुश्मन मरे,तब बिष काहे देय !!
खटको से तू वारकर, चाहे तू जितनी बार !
प्रेम ढाल से रोक कर, करूँ प्यार से वार !!
लाखों पाप जुटाय के, तीरथ करे का होय !
अग्निमें घृत डाल के,सोचा प्रभु खुश होय !!
परवाने और अनल का,कुछ क्षण का खेल !
वैसे सज्जन दुर्जन का, कभी न होए मेल !!
रामायण और गीता पढ़ी, पढ़ा वेद पुरान !
फिर भी दुर्जन पाप करे, रहे सदा अज्ञान !!
पीली कमरी ओढ़ली, लिखा रामका नाम !
सोचा प्रभु खुद आयेगें, देगें निज वरदान !!
रिक्तभूमि को छोड़के,मिला भाग्य जे होये !
ऐसे पर प्रभु दया नहि, आशा वादी रॉये !!
ढोल मंजीरा हवन से, पशु पक्षी भाग जाय !
ऐसे में तुम सोचते, प्रभु निकट तुम्हारे आय !!
मुंड घोटा और स्वांग कर, पंडा करे अलाप !
ऐसे में प्रभु बात क्या, जाये निशाचर भाग !!
धड माँस पूरा लिया, सर प्रभु दिया चढाय !
पुन्यपुन्य सब ले लिया, पाप खुदा ले जाय !!
Dheerendra,bhadauriya
बड़े ही उपयोगी दोहे..
जवाब देंहटाएंबड़े सुन्दर और सार्थक दोहे..
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर और सार्थक रचना .... !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया दोहे |
जवाब देंहटाएंशिक्षा मन मोहे ||
सुन्दर दोहे..
जवाब देंहटाएंदोहो के अर्थ मे गागर मे सागर भरा होता है
जवाब देंहटाएंकांकर पाथर जोड के मस्जिद लई चुनाया
ता चढी मुल्ल बाग दे क्या बहिरा हुआ खुदा ।।
यूनिक तकनीकी ब्लाग (इन नम्बरो पर कॉल मत करना
बहुत सुन्दर. भोले शंकर की जय हो!!
जवाब देंहटाएंसभी के सभी बेहतरीन हैं।
जवाब देंहटाएंढोल मंजीरा हवन से, पशु पक्षी भग जाय !
जवाब देंहटाएंऐसेमें तुम सोचते, प्रभु निकट तुम्हारे आय !!
सटीक बात कही है .... सभी दोहे बढ़िया हैं
जय जय शिव शंकर ....बोल बम ! बहुत ही सुन्दर आराधना !
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण दोहे .
जवाब देंहटाएंएक दो जगह मात्रिक त्रुटियाँ हैं .
लाजवाब और सटीक दोहे
जवाब देंहटाएंधीर जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहे एक से बढ़ कर एक
जवाब देंहटाएंबेहतरीन !
जवाब देंहटाएंक्या बात है,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
गागर में सागर..... बहुत उम्दा.....:)
जवाब देंहटाएंसभी दोहे एक से बढ़कर एक ...
जवाब देंहटाएंसर्थक प्रयास ...शुभकामनायें.
वाह ! अद्भुत दोहे....
जवाब देंहटाएंबढ़िया नीतिपरक ज्ञान बांटते दोहे .
जवाब देंहटाएंयह प्रयास बहुत ही अच्छा लगा । आशा है भविष्य में भी इस प्रकार के पोस्ट पाठकों को पढ़ने के लिए मिलते रहेंगे।
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंsundar dohe
जवाब देंहटाएंलाखों पाप जुटाय के, तीरथ करे का होय !
जवाब देंहटाएंअग्निमें घृत डाल के,सोचा प्रभु खुश होय !!
एक से बढ़ कर एक ....
बहुत सुन्दर सार्थकता लिए दोहे...
जवाब देंहटाएंलाजवाब...:-)
बहुत सार्थक और सटीक दोहे |
जवाब देंहटाएंआशा
बढ़िया दोहे ...
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
रामायण और गीता पढ़ी, पढ़ा वेद पुरान !
जवाब देंहटाएंफिर भी दुर्जन पाप करे, रहे सदा अज्ञान !!.........khas tour par ye ..aur sabhi dohe bahut sundar hai...
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति। मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा ।धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक दोहे..
जवाब देंहटाएंसभी दोहे एक से बढ़कर एक ...
जवाब देंहटाएंरामायण और गीता पढ़ी, पढ़ा वेद पुरान !
जवाब देंहटाएंफिर भी दुर्जन पाप करे, रहे सदा अज्ञान !!
यही ज्ञान तो आना बाकी है. सारे दोहे एक गंभीर सन्देश देते हैं.
बेहद खुबसूरत SIR बधाई स्वीकार करें.
जवाब देंहटाएंsabhi dohe upyogi.....gangotri chalen pr padharen...
जवाब देंहटाएंबड़े सुन्दर और सार्थक दोहे..
जवाब देंहटाएंanmol...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, सुन्दर .
जवाब देंहटाएंबढ़िया दोहे ...
जवाब देंहटाएंरामायण और गीता पढ़ी, पढ़ा वेद पुरान !
जवाब देंहटाएंफिर भी दुर्जन पाप करे, रहे सदा अज्ञान !!
durjan rahte sadaa durjan
man kaa mail kahaan chhupaay
thodee thodee der mein ufan kar baahar aaye
badhiyaa ,mazaa aayaa
बहुत अच्छे और ज्ञान की खान हैं सभी दोहे.... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंदोहों में हाथ आजमाओ,अच्छा करोगे !
जवाब देंहटाएं"धड माँस पूरा लिया, सर प्रभु दिया चढाय !
जवाब देंहटाएंपुन्यपुन्य सब ले लिया, पाप खुदा ले जाय !!"
क्या बात है ..... सार्थक व् सटीक ...बधाई.
खटको से तू वारकर, चाहे तू जितनी बार !
जवाब देंहटाएंप्रेम ढाल से रोक कर, करूँ प्यार से वार !!
परवाने और अनल का,कुछ क्षण का खेल !
वैसे सज्जन दुर्जन का, कभी न होए मेल !
बहुत सुन्दर सन्देश देते प्यारे दोहे ...अच्छी प्रस्तुति ....भ्रमर ५
एकदम सहज और शीघ्र स्मरण हो जाने योग्य।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया है ||
जवाब देंहटाएंसार्थक संदेश देते बहुत सुन्दर दोहे...
जवाब देंहटाएंअमिय देय दुश्मन मरे,तब बिष काहे देय !!
जवाब देंहटाएंBahut gehri baat.
bahut hi achchhi aur gahare bhaw
जवाब देंहटाएंसुन्दर, सार्थक दोहे..
जवाब देंहटाएंमुंड घोटा और स्वांग कर, पंडा करे अलाप !
जवाब देंहटाएंऐसे में प्रभु बात क्या, जाये निशाचर भाग !!
..... एक से बढ़ कर एक सार्थक दोहे
ढोल मंजीरा हवन से, पशु पक्षी भाग जाय !
जवाब देंहटाएंऐसे में तुम सोचते, प्रभु निकट तुम्हारे आय !!..............वाह बहुत खूब
सबसे पहले मन के भावों को लेकर चिंतन करने की जरुरत हैं ..
बढ़िया दोहे....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई।
bahut hi sunder dohe der se padhe mafi chahungi kuchh pareshaniyan thi .
जवाब देंहटाएंrachana