-: चाय :-
आज की जनसंख्या में चाय पीने का माहौल है,
कई रंग कई ब्रांड में बिकता,मेरी बहुत पोल है!
लक्ष्मण, को बाण लगा, संजीवनी का रोल था,
आज बच्चा पैदा होते ही चाय पिऊगाँ बोलता!
पीने में बहुत बढ़िया हूँ , मेरा अपना टेस्ट है
मेहमान नवाजी केलिए बढ़िया सस्ता बेस्ट है
कई से मेरी रिश्तेदारी है, काफी मेरी सौतन है,
चुस्ती और मस्ती में, मुझ से अच्छा यौवन है!
हर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
आज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
dheerendra bhadauriya
आज की जनसंख्या में चाय पीने का माहौल है,
कई रंग कई ब्रांड में बिकता,मेरी बहुत पोल है!
लक्ष्मण, को बाण लगा, संजीवनी का रोल था,
आज बच्चा पैदा होते ही चाय पिऊगाँ बोलता!
पीने में बहुत बढ़िया हूँ , मेरा अपना टेस्ट है
मेहमान नवाजी केलिए बढ़िया सस्ता बेस्ट है
कई से मेरी रिश्तेदारी है, काफी मेरी सौतन है,
चुस्ती और मस्ती में, मुझ से अच्छा यौवन है!
हर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
आज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
dheerendra bhadauriya
हाहहाहाहा
जवाब देंहटाएंआइये धीरेंद्र जी एक कप चाय हो जाए। हाहाहा
बहुत बढिया
संडे गिफ्ट
बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
कल ही अख़बार में पढ़ा...अगले साल भारत में चाय को 'नैशनल ड्रिंक' घोषित किया जाएगा...आपकी यह पोस्ट सामयिक हो गई...बधाई !!
जवाब देंहटाएंWah------maja aa gaya aapki is post lo padh kar---
जवाब देंहटाएंaur is liye bhi ki main bhi chay ki divani hun---
bahut hi majedaar post-----
poonam
हर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
...वाह! बहुत मज़ेदार चाय....
इसे पढ़कर चाय पीन का मन हो रहा है।
जवाब देंहटाएंअभी अभी चाय पीया और यह रचना पढ़ी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
चाय वाय करवा रही, चांय-चांय हर रोज |
जवाब देंहटाएंसुबह सुबह तो ठीक है, दिन में बारह डोज |
दिन में बारह डोज, खोज अब दूजी लीजै |
यह मित्रों की फौज, नवाजी बाहर कीजै |
हुई एक दिन शाम, मिले व्यवहारी आला |
इंतजाम छ: जाम, हुआ अंजाम निराला ||
:):) बढ़िया है ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चाय का गुणगान...Sunday special :)
जवाब देंहटाएंचाय पर इस नवीन कविता के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंइस बात पर हम आज चाय की एक प्याली, नहीं नहीं एक पैग और लेते हैं. और यह पैग आपके नाम. चियर्स धीरेन्द्र सर !!
बढ़िया, मज़ेदार :-))
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
जवाब देंहटाएंक्या बात है. ये चाय मजेदार लगी. बढ़िया.
धन्यबाद.
लाजवाब चाय!
जवाब देंहटाएंवाह वाउ वाह!!
बहुत बढ़िया रचना चाय पर ...मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंयही माहौल हर ओर फैला है..
जवाब देंहटाएंक्या बात है!!
जवाब देंहटाएंआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 02-07-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-928 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
प्यार का माहौल बनाने में आपकी चाय का बड़ा रोल है :-)
जवाब देंहटाएंहर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
बहुत सुन्दर है . बहुत बढ़िया प्रस्तुति .. .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
रविवार, 1 जुलाई 2012
कैसे होय भीति में प्रसव गोसाईं ?
डरा सो मरा
http://veerubhai1947.blogspot.com/
क्या बात है. चाय मजेदार लगी. बढ़िया.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर , बस आँखों से ही पिए ....:)
जवाब देंहटाएंहर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
waah kya bat kahi aapne :)
हर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,..सच है..चाय के बिना मेहमान भी हिलता नहीं..रोचक प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंपीने में बहुत बढ़िया हूँ , मेरा अपना टेस्ट है
जवाब देंहटाएंमेहमान नवाजी केलिए बढ़िया सस्ता बेस्ट है
vaah badhiya hai ....
आ तो गई कमेन्ट करने , लेकिन स्वाद तो पता नहीं ...
जवाब देंहटाएंलाभ - हानी क्या बताऊँ ....
रचना अच्छी लगी लिख निकल लूँ .... (^_^)
badhiya
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंchai to kabhi pi nahi maine...par kvita ka ras accha hai:)
वाह ... बेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंधीर जी ,लोग चाय पी रहे हैं ,तभी तो जी रहे हैं.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत सुन्दर रचना...
:-)
सच्ची.........हमारा हाल भी विभा जी जैसा है...कभी पी नहीं...
जवाब देंहटाएंहाँ रचना प्यारी है...
सादर
अनु
एक जुलाई जन्म-दिन,शुभ-घड़ी अति महान
जवाब देंहटाएंचाय पिला टरका दिया , चतुर बड़े श्रीमान
चतुर बड़े श्रीमान , मगर हम भी हैं हठीले
जिद कर करके खा लेंगे , पकवान रसीले
देते हैं हम जन्म-दिवस की ढेर बधाई
शुभ घड़ी अति महान,जन्म दिन एक जुलाई ||
हर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,..bilkul sahi
जवाब देंहटाएंचाय की महिमा के लिए धन्यवाद् ......
जवाब देंहटाएंहर घर की इज्जत ढकने में मेरा बड़ा रोल है,
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
सच में मित्र इसने अपना स्थान गजब जमा लिया है हर घर में अब गुड शरबत दही सब बेचारे रोते हैं ...अब न जाने कब आप के साथ एक कप चाय ..
भ्रमर ५
चाय की चाह तो हर किसी को होती है । घर गरीब हो या अमीर चाय तो मेहमान नवाज़ी का मानक है ।
जवाब देंहटाएंmajedaar cahi
जवाब देंहटाएंwaah bhai waah
जवाब देंहटाएंआज की चाय आप की पोस्ट के साथ |
जवाब देंहटाएंक्या आप अपने ब्लॉग पर लगाये गये पेज नंबर लिंक से अपनी इच्छा अनुसार किसी भी एक पेज पर अपनी पोस्ट के लिंक देख सकते हैं ?
लक्ष्मण, को बाण लगा, संजीवनी का रोल था,
जवाब देंहटाएंआज बच्चा पैदा होते ही चाय पिऊगाँ बोलता ...
मस्त .. निर्मल हास्य लिए ... अच्छी रचना है ...
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उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार
प्रवरसेन की नगरी प्रवरपुर की कथा
♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥
♥ पहली फ़ूहार और रुकी हुई जिंदगी" ♥
♥शुभकामनाएं♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
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बढ़िया प्रस्तुति..... सुन्दर रचना. ... बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआज की जनसँख्या में चाय पीनेका माहौल है!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दरर......!!
लक्ष्मण, को बाण लगा, संजीवनी का रोल था,
जवाब देंहटाएंआज बच्चा पैदा होते ही चाय पिऊगाँ बोलता बहुत सुदर प्रस्तुति चाय
पीने में बहुत बढ़िया हूँ , मेरा अपना टेस्ट है
जवाब देंहटाएंमेहमान नवाजी केलिए बढ़िया सस्ता बेस्ट है
बहुत बढ़िया...अब तो राष्ट्रीय पेय भी बन गयी है...
चाय तो बस चाय है ...
जवाब देंहटाएंधीरेन्द्र जी , बुंदेलखंड में एक कहावत है - जब चाय जहाँ चाय , जैसी चाय मगर चाय (यहाँ चाय के दो अर्थ है १. चाय २. चाह: श्लेष अलंकार )
जवाब देंहटाएंचाय और दारु तो सर्वत्र व्याप्त पेय है..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
किसी से दोस्ती का हाथ मजबूत करने में एक कप चाय की अहम भूमिका होती है। हम अपने दोस्तों को खाने पर तो नही लेकिन शाम की चाय पर बुला लेते हैं जो हमारी असंतुलित अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने के साथ-साथ दोस्तों के साथ संबंधों को और भी मजबूत कर देती है । चाय पर लिखी गयी यह प्रस्तुति आपके काव्यात्मक प्रतिभा को एक नया आयाम प्रदान करती है । धन्यवाद।
हटाएंविभा जी और अनु जी को नमन
जवाब देंहटाएंचाय नही पिए ये पर
आपकी प्रस्तुति की प्रशंसा करें ये.
वाकई में,
चाय अच्छी हो या न हो,
पर आपकी प्रस्तुति लाजबाब है.
आभार.
Very nice post.....
जवाब देंहटाएंAabhar!
Mere blog pr padhare.
आपकी चाय तो बिना चीनी के ही मीठी लगती है धीरेंद्र जी
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग ---------ईन नम्बरो पर कॉल ना करे)
बहुत बढिया चाय ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लगी यह चाय की प्याली और इसकी मस्ती !
जवाब देंहटाएंवाह जी ....चाय को लेकर ..एक अलग तरह की सोच ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएं