मंगलवार, 20 मार्च 2012

अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.



अभिनन्दन पत्र...

अंगरखा और पगड़ियों के दिन गए,
राजा-रानी बेगम नबाबो के दिन लद गए !
मंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
और हम रह गए मतदाता!
आपके संसद सदस्य बन जाने पर,
अपनी जीत की शराब का खुमार आने पर,
आप हमे भूल जाते है,
मंत्री पद की कुर्सी पर झूल जाते है!
आप बनते है हमदम और हम गैर,
रामराज्य में यह कैसा अंधेर?
आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
हमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?
आप तो नाटक के सजीव पात्र है,
इसलिये मेज चप्पल,जूता सब कुछ चलाते है,
हम पर इसके लिए फौजदारी चलाते है?
आपके भाषणों में घोषणाओ,आश्वासन के
अलावा कुछ नही होता,
आपके यहाँ स्वर्ण सेज पर सोता है पोता!
आप ऊपर से समाजवादी, अंदर से हैदराबादी,
आपके घर दस बच्चे, हम से कहते 'कम करो आबादी!'
आप करते है उद्दघाटन समारोह,
और हमारा समापन कराते है|
आप तो सचमुच विशाल है,
भारत के भाल हैं, हिरोइन के गाल है,
होली का गुलाल है|
आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
आपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'
कुर्सी-छोडो' देश बचाओ,
आपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती,
देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती....

DHEERENDRA,"dheer"


60 टिप्‍पणियां:

  1. साफ्ट टार्गेट मिल गया, लो पच्चास बटोर ।

    कान जुआं रेंगे नहीं, खूब मचा लो शोर ।

    खूब मचा लो शोर, भोर सोया मतदाता ।

    नेता लिया बटोर, ढोर की भाँती खाता ।

    रहा रोज पगुराय, खाय पच्चास पादुका ।

    फिर भी नहीं अघाय, लूटता रहा तालुका ।।

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  2. मन की पीड़ा को भली भांति उजागर किया है |

    टिप्स हिंदी में ग

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  3. आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
    हमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?..................
    बहुमूल्य वोट की कीमत बहुत कम है.
    शानदार ५० वीं पोस्ट........ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार कीजियेगा.

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  4. कुर्सी-छोडो' देश बचाओ,
    आपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती,
    देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती..sachchi bat.

    जवाब देंहटाएं
  5. "आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
    आपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
    आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
    भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,"

    पीड़ा बाहर निकली.. सार्थक रचना ... बधाई स्वीकार करें.

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  6. बहुत ही उत्कृष्ट अंदाज़ में प्रस्तुत किया है...

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  7. आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
    आपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
    आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
    भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'... bahut hi badhiyaa

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  8. वाह बहुत सुंदर

    मंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
    और हम रह गए मतदाता!

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  9. वाह ...बहुत ही बढि़या प्रस्‍तुति ।

    कल 21/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ... मुझे विश्‍वास है ...

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  10. आपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती, देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती....

    सही कहा है आपने... सार्थक रचना...
    ५० वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं... सिलसिला यूँ ही जारी रखिये

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  11. सच कहते हैं आप.... शानदार रचना धीरेन्द्र सर....
    सादर बधाई...

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  12. आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
    हमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?
    सच कहते हैं आप.....sirji ap great ho


    Dharmendra singh Jadon

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  13. सुन्दर रचना ………50 वीं पोस्ट की बधाई।

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  14. धीरेन्द्र जी खूबसूरत कविता ! अर्ध शतक की बधाई ! राम राज कब आई ?

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  15. ........बहुत खूब...बेहतरीन प्रस्तुति...धीरेन्द्र जी
    50 वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ

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  16. रहा रोज पगुराय, खाय पच्चास पादुका ।

    फिर भी नहीं अघाय, लूटता रहा तालुका ।।

    बहुत खूब...बेहतरीन प्रस्तुति...धीरेन्द्र जी
    50 वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ

    प्रत्‍युत्तरदें

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  17. कमाल के भावों का संयोजन किया है आपने.. माँ भारती तो पिछले कई दशकों से रो रही है!! और यही हाल रहा तो पता नहीं कब तक.. बहुत अच्छी प्रस्तुति!!

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  18. बखिया उधेरती इस पोस्ट के ज़रिये आपने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य करारा व्यंग्य किया है। पता नहीं उन मोटी चमड़ी वाली को कोई असर हो भी पाएगा या नहीं। शायद नहीं।

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  19. करारा,तीखा एवं आन्दोलित कर देने वाला व्यंग। 50वीं पोस्ट की प्रस्तुति के लिये बधाई...

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  20. यह अभिनंदन पत्र जिनके लिए लिखा गया है, उनके हाथों तक पहुंचना चाहिए।
    बिल्कुल यथार्थपरक रचना है।

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  21. सामयिक रचना, बहुत बधाई ५०वीं पोस्ट के लिये।

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  22. कलात्मक रचना प्रभावशाली है बधाईयाँ जी /

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  23. बहुत खूब..धीरेन्द्र जी
    50 वीं पोस्ट के लिए बधाई आपको ..........

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  24. 50th ost ke lie badhaai....aur ye behtareen kavita bhi khush kar gai...

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  25. पचासवी पोस्ट पर बधाई । कविता सामयिक है ।

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  26. वाह ... सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति ... ५०वी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई ...

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  27. पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

    अद्भुत रचना के लिए बधाई स्वीकारें.

    नीरज

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  28. वाह बहुत खूब ,आज की राजनीति और सरकार पर किया गया कटाक्ष बहुत बढिया रहा ...

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  29. बहुत बढ़िया सर....
    सटीक व्यंग है....
    ५० वीं रचना के लिए हार्दिक बधाई.

    सादर.

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  30. बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने!
    50वीं पोस्ट की बधाई हो!

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  31. सुंदर .....
    शुभकामनायें आपको !

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  32. sunder vyang rachna kamal ka likha hai
    bahut bahut badhai
    rachana

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  33. Kursi, Neta aur Raajniti...Vyang likhne ke sabse sulabh vishay hain...sundar

    Ek sher yaad aa raha hai:
    Bas ek hi ullu kaafi tha barbaad gulistan karne ko,
    Har shaakh pe ullu baitha hai anzaame gulistaan kya hoga...

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  34. जब ऐसे ही मंत्री लोगो के हाथ में देश के शासन की डोर थमाई गई हो.....तो देश का आने वाला कल क्या होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है!...सटिक कथन!

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  35. बहुत सुन्दर ! ५०वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई *

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  36. आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
    आपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
    आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
    भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'...
    bahut badhiya ....

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  37. नेता और मंत्री तो चुनाव जीतते ही मलाई खाने के लिए..... ये देश का प्रजातंत्र नहीं जुगाड़ तंत्र लगता है... अच्छी कविता.

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  38. सटीक व सामयिक कविता। 50वीं पोस्ट हेतु बधाई।

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  39. ५० पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं |
    आशा

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  40. मंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
    और हम रह गए मतदाता!...बहुत सुन्दर सटीक रचना...पचासवी पोस्ट पर बहुत -बहुत बधाई ..धीरेन्द्र जी..

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  41. bahut hee sunder rachna...pachaswi post mubarak ho..sadar badhayee ke sath

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,