अभिनन्दन पत्र...
अंगरखा और पगड़ियों के दिन गए,
राजा-रानी बेगम नबाबो के दिन लद गए !
मंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
और हम रह गए मतदाता!
आपके संसद सदस्य बन जाने पर,
अपनी जीत की शराब का खुमार आने पर,
आप हमे भूल जाते है,
मंत्री पद की कुर्सी पर झूल जाते है!
आप बनते है हमदम और हम गैर,
रामराज्य में यह कैसा अंधेर?
आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
हमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?
आप तो नाटक के सजीव पात्र है,
इसलिये मेज चप्पल,जूता सब कुछ चलाते है,
हम पर इसके लिए फौजदारी चलाते है?
आपके भाषणों में घोषणाओ,आश्वासन के
अलावा कुछ नही होता,
आपके यहाँ स्वर्ण सेज पर सोता है पोता!
आप ऊपर से समाजवादी, अंदर से हैदराबादी,
आपके घर दस बच्चे, हम से कहते 'कम करो आबादी!'
आप करते है उद्दघाटन समारोह,
और हमारा समापन कराते है|
आप तो सचमुच विशाल है,
भारत के भाल हैं, हिरोइन के गाल है,
होली का गुलाल है|
आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
आपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'
कुर्सी-छोडो' देश बचाओ,
आपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती,
देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती....
DHEERENDRA,"dheer"
साफ्ट टार्गेट मिल गया, लो पच्चास बटोर ।
जवाब देंहटाएंकान जुआं रेंगे नहीं, खूब मचा लो शोर ।
खूब मचा लो शोर, भोर सोया मतदाता ।
नेता लिया बटोर, ढोर की भाँती खाता ।
रहा रोज पगुराय, खाय पच्चास पादुका ।
फिर भी नहीं अघाय, लूटता रहा तालुका ।।
बधाई भाई जी ।।
हटाएंमन की पीड़ा को भली भांति उजागर किया है |
जवाब देंहटाएंटिप्स हिंदी में ग
आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
जवाब देंहटाएंहमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?..................
बहुमूल्य वोट की कीमत बहुत कम है.
शानदार ५० वीं पोस्ट........ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार कीजियेगा.
कुर्सी-छोडो' देश बचाओ,
जवाब देंहटाएंआपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती,
देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती..sachchi bat.
"आप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
जवाब देंहटाएंआपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,"
पीड़ा बाहर निकली.. सार्थक रचना ... बधाई स्वीकार करें.
बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत ही उत्कृष्ट अंदाज़ में प्रस्तुत किया है...
जवाब देंहटाएंआप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
जवाब देंहटाएंआपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'... bahut hi badhiyaa
dheerendr ji bikul jajbab prastuti sadar badhai sweekaren
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
और हम रह गए मतदाता!
वाह ...बहुत ही बढि़या प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंकल 21/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... मुझे विश्वास है ...
आपकी क्या गायें,गीत-गजल-आरती, देखो "धीर" देश रो रहा रो रही माँ भारती....
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने... सार्थक रचना...
५० वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं... सिलसिला यूँ ही जारी रखिये
सच कहते हैं आप.... शानदार रचना धीरेन्द्र सर....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
आपको मोटर कार,बंगले,वेतन और भत्ते,
जवाब देंहटाएंहमे कर,बेघर बेरोजगारी,सूखे पत्ते?
सच कहते हैं आप.....sirji ap great ho
Dharmendra singh Jadon
सुन्दर रचना ………50 वीं पोस्ट की बधाई।
जवाब देंहटाएंधीरेन्द्र जी खूबसूरत कविता ! अर्ध शतक की बधाई ! राम राज कब आई ?
जवाब देंहटाएं........बहुत खूब...बेहतरीन प्रस्तुति...धीरेन्द्र जी
जवाब देंहटाएं50 वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ
रहा रोज पगुराय, खाय पच्चास पादुका ।
जवाब देंहटाएंफिर भी नहीं अघाय, लूटता रहा तालुका ।।
बहुत खूब...बेहतरीन प्रस्तुति...धीरेन्द्र जी
50 वीं पोस्ट के लिए ढेरों बधाइयाँ
प्रत्युत्तरदें
कमाल के भावों का संयोजन किया है आपने.. माँ भारती तो पिछले कई दशकों से रो रही है!! और यही हाल रहा तो पता नहीं कब तक.. बहुत अच्छी प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंबखिया उधेरती इस पोस्ट के ज़रिये आपने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य करारा व्यंग्य किया है। पता नहीं उन मोटी चमड़ी वाली को कोई असर हो भी पाएगा या नहीं। शायद नहीं।
जवाब देंहटाएंकरारा,तीखा एवं आन्दोलित कर देने वाला व्यंग। 50वीं पोस्ट की प्रस्तुति के लिये बधाई...
जवाब देंहटाएंयह अभिनंदन पत्र जिनके लिए लिखा गया है, उनके हाथों तक पहुंचना चाहिए।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल यथार्थपरक रचना है।
सामयिक रचना, बहुत बधाई ५०वीं पोस्ट के लिये।
जवाब देंहटाएंकलात्मक रचना प्रभावशाली है बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..धीरेन्द्र जी
जवाब देंहटाएं50 वीं पोस्ट के लिए बधाई आपको ..........
50th ost ke lie badhaai....aur ye behtareen kavita bhi khush kar gai...
जवाब देंहटाएंपचासवी पोस्ट पर बधाई । कविता सामयिक है ।
जवाब देंहटाएंmubarak ho ye pachasvin post......bahot achchi lagi.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह ... सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति ... ५०वी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंbahut achchi prstuti,50vi post ki bdhaai
जवाब देंहटाएंपिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
जवाब देंहटाएंअद्भुत रचना के लिए बधाई स्वीकारें.
नीरज
वाह बहुत खूब ,आज की राजनीति और सरकार पर किया गया कटाक्ष बहुत बढिया रहा ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सर....
जवाब देंहटाएंसटीक व्यंग है....
५० वीं रचना के लिए हार्दिक बधाई.
सादर.
बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने!
जवाब देंहटाएं50वीं पोस्ट की बधाई हो!
सुंदर .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
ekdam sachcha baat ---- sir---badhai
जवाब देंहटाएंpoonam
sunder vyang rachna kamal ka likha hai
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai
rachana
बढ़िया कटाक्ष, बधाई.
जवाब देंहटाएंbahut uttam aaj ke samaj prashasan ko aaina dikhati hui prastuti.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया और सटीक...
जवाब देंहटाएंsateek rachna ....
जवाब देंहटाएंसुंदर .....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनायें
Kursi, Neta aur Raajniti...Vyang likhne ke sabse sulabh vishay hain...sundar
जवाब देंहटाएंEk sher yaad aa raha hai:
Bas ek hi ullu kaafi tha barbaad gulistan karne ko,
Har shaakh pe ullu baitha hai anzaame gulistaan kya hoga...
जब ऐसे ही मंत्री लोगो के हाथ में देश के शासन की डोर थमाई गई हो.....तो देश का आने वाला कल क्या होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है!...सटिक कथन!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ! ५०वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई *
जवाब देंहटाएंsundar kavita
जवाब देंहटाएंआप मंत्री है, भूत और भविष्य की जंत्री है|
जवाब देंहटाएंआपके 'रामराज्य' में भूखे मरते यंत्री है!
आप तालिया बजवाते है, गालिया सुनवाते है,
भष्टाचार बढाने के नुस्खे आपको आते है,'...
bahut badhiya ....
नेता और मंत्री तो चुनाव जीतते ही मलाई खाने के लिए..... ये देश का प्रजातंत्र नहीं जुगाड़ तंत्र लगता है... अच्छी कविता.
जवाब देंहटाएं50वीं पोस्ट की बधाई ..
जवाब देंहटाएंहाफ सेंचुरी ! ! , बधाई.
जवाब देंहटाएंसटीक व सामयिक कविता। 50वीं पोस्ट हेतु बधाई।
जवाब देंहटाएं५० पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआशा
अर्द्ध शतकीय पोस्ट हेतु बधाइयाँ......
जवाब देंहटाएंसटीक रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंमंत्री जी आप बन गए अन्नदाता,
जवाब देंहटाएंऔर हम रह गए मतदाता!...बहुत सुन्दर सटीक रचना...पचासवी पोस्ट पर बहुत -बहुत बधाई ..धीरेन्द्र जी..
bahut hee sunder rachna...pachaswi post mubarak ho..sadar badhayee ke sath
जवाब देंहटाएंsachhi baat kavita ke roop me...bahuta chhi kavita ji.
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