मंगलवार, 9 अगस्त 2011

अहसास.....




















अहसास.....



कौन है वो,जो हर वक्त मेरे पास है

जिंदगी के हर मोड पर मेरे साथ है ,

कभी गुमसुम बैठे अकेले देखता है जब मुझे

छेड़ जाता है चुपके से मन में कोई ख्याल वो,

उलझ के रह जाता है मन जब कभी ख्यालों में

धीरे से आकर कह जाता कानो में कुछ बात वो
,
कभी परेशान होकर नजरें ढूडती है जब उसे

हर पल उसका स्पर्श मह्सूस होता है मुझे,

क्यों तेरी बेचैन नजरे ढूडती है मुझे
-
मै तो तेरे पास हूँ, मै तेरे साथ हूँ ,

मै कोई गैर नहीं तेरा अहसास हूँ,.....



धीरेन्द्र भदौरिया,...














































1 टिप्पणी:

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