बहुत सही सर!सादर
कल 13/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
बात कहने का तरीका अच्छा है
बिल्कुल सही है ..गिलास आधा भरा है या आधा खाली ..नज़रिए का ही फर्क है ..
sab kuch najareeye par hi nirbhar karta hai...achchi rachnamere blog par aapka swagat hai :)
क्या बात कही है सर... सुन्दर...सादर बधाई...
कल 02/05/2012 को आपके ब्लॉग की प्रथम पोस्ट का नयी पुरानी हलचल पर स्वागत करते हैं .आपके बहुमूल्य सुझावों की प्रतीक्षा है .धन्यवाद! ... '' स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...
बहुत सही कहा है सर ,,,इन्सान का नजरिया ही तो उसे अच्छे और बुरे में फर्क बताता है..बहुत ही बढ़िया रचना...
नजरिया ही तो सब कुछ है ।
आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,
बहुत सही सर!
जवाब देंहटाएंसादर
कल 13/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बात कहने का तरीका अच्छा है
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही है ..गिलास आधा भरा है या आधा खाली ..नज़रिए का ही फर्क है ..
जवाब देंहटाएंsab kuch najareeye par hi nirbhar karta hai...achchi rachna
जवाब देंहटाएंmere blog par aapka swagat hai :)
क्या बात कही है सर... सुन्दर...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
कल 02/05/2012 को आपके ब्लॉग की प्रथम पोस्ट का नयी पुरानी हलचल पर स्वागत करते हैं .
जवाब देंहटाएंआपके बहुमूल्य सुझावों की प्रतीक्षा है .धन्यवाद!
... '' स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...
बहुत सही कहा है सर ,,,
जवाब देंहटाएंइन्सान का नजरिया ही तो उसे अच्छे और बुरे में फर्क बताता है..
बहुत ही बढ़िया रचना...
नजरिया ही तो सब कुछ है ।
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