जाड़े की धूप
जाड़े की धुप
टमाटर का सूप,
मूंगफली के दाने
छुट्टी के बहाने,
तबीयत नरम
पकौड़े गरम,
ठंडी हवा
मुह में धुंआ,
फाटे हुए गाल
सर्दी से बेहाल,
तन पर पड़े
ऊनी कपडे,
दुबले भी लगते
मोटे तगड़े,
किटकिटाते दांत
ठिठुरते ये हाथ,
जलता अलाव
हांथों का सिकाव,
गुदगुदा बिछौना
रजाई में सोना,
सुबह का होना
सपनो में खोना,
बहुत खूब :)
जवाब देंहटाएंbahut badhiya.....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जाड़े की धूप !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंवाह ... सच में जाड़ों की याद दिला दी ...
जवाब देंहटाएंवाह..क्या खूब खांचा खीचा है आपने सर्दी के इस मौसम का
जवाब देंहटाएंबहुत मजा आया पढ़ा कर
जवाब देंहटाएंआपने सारे सच लिख दिए |
सरल एवं अत्यंत रसपूर्ण l
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंHar din kuchh naya sekho
जवाब देंहटाएं