मंगलवार, 1 नवंबर 2011

माँ की यादें......

मेरी माँ,-स्वर्गीय श्री मती -सत्यवती देवी -निधन--25|4|95|


माँ की यादें...

कल रात सीने में असहनीय उठा दर्द
गोलियाँ खाई थोडा आराम मिला
समझ नही आ रहा क्या है मर्ज
सिसकता रहा बिलखता रहा
रात भर करवटें बदलते रहा,

अचानक माँ तेरी याद आई
सच में माँ तेरी बहुत याद आई
याद आ रहे थे वो एक एक नज़ारे
वो बचपन जो मैंने तेरे आँचल में गुजारे

माँ मुझे सब याद है
जब मै बहुत छोटा था
बात बात पर रोता था
मेरा रोना तुम्हारा मनाना
पीठ थपथपाकर लोरी सुनाना
जिद करने पर हल्की सी थाप लगाना
हिम्मत बढाना,उंगली पकड़ कर चलना सिखाना
तेरा किताब,कलम,दावत पकडाना
रोज लालटेन जलाकर घंटो तक बैठाकर पढाना
पढ़ने के लिए आत्म विश्वास का जगाना

माँ मुझे वो दिन भी याद है जब
बीमार पड़ने पर तेरा वो रात रात भर जागना
भगवान के सामने बैठ लंबी उम्र की दुआ मागना
पूजा की थाली सजा मन्त्रों का जाप करना
काला टीका लगाकर नजरें उतारना
तेरी आँखों से आसुओ का सिसकता किनारा
त्याग,तपस्या,और तेरी ममता की धारा
माँ की दुआ जैसी कोई दुआ नही
माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही

माँ मै तुझको भूल नहीं पा रहा
इसके आगे मै माँ लिख नही पा रहा
माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
ये पंक्तियाँ मै अपनी माँ के नाम करता हूँ
माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..
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00- मेरे जीवन पर आधारित रचना -00
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dheerendra singh bhadauriya



40 टिप्‍पणियां:

  1. माँ मै तुझे नही भूल पा रहा हूँ
    इसके आगे माँ, नही लिख पा रहा हूँ
    माँ तेरा कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    ये पन्तियाँ मै अपनी माँ के नाम करता हूँ
    सभी माताओं को चरण छू कर प्रणाम करता हूँ
    माँ तुझे सलाम करता हूँ ....

    hridaysparshi rachna...

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  2. मां की यादें ताउम्र साथ रहती हैं ... भावमय करती प्रस्‍तुति ।

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  3. माँ को भुलाना संभव ही नहीं हैं ,माँ तुझे सलाम ...

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  4. माँ को भूलना आसान नहीं है सर!

    सादर

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  5. माँ की संवेदना से जुड़ीं सुन्दर कविता

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  6. माँ की संवेदना से जुड़ीं सुन्दर कविता

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  7. माँ की ममता का कोई पर्याय नही, उसके डांट में बी प्यार छिपा होता है । ये यादें ही हमारे जीवन का सम्बल हैं ।

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  8. माँ हमेशा यूँ ही यादों में समाई रहती है ..सुन्दर भावपूर्ण रचना

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  9. माँ तो अमृत है ! बहुत सुन्दर कविता बधाई !

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  10. भावपूर्ण प्रस्तुति ! सुन्दर कविता !

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  11. aadarniy sir
    akxharsah sach likha hai aapne maa ka koi aur vikalp ho hi nahi sakta.
    maa ki yaaden hi hamari dharohar ke roop me saath rah jaati hain.
    bahut hi abhibhut kar diya aapki is rachna ne.maa ko khone ka dard kya hota hai iska mujhe bhi bahut gahara ahsaas hai.
    aap apne man ko dukhi mat kariye sir isse maa ki aatma ko bahut hi kashht hota hai.
    sadar naman
    poonam

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  12. माँ मै तुझको भूल नहीं पा रहा
    इसके आगे मै माँ लिख नही पा रहा
    माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    ये पन्तियाँ मै अपनी माँ के नाम करता हूँ
    माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
    सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..
    sach men maa jaisi koi nhi hoti.thanks .word verification kaise htate hain?

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  13. माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही
    भावमयी प्रस्तुति ...

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  14. बड़ी प्यारी कविता है
    सच में, माँ होती ही है ममतामई !
    आभार .....

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  15. माँ मै तुझको भूल नहीं पा रहा
    इसके आगे मै माँ लिख नही पा रहा
    माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    ये पन्तियाँ मै अपनी माँ के नाम करता हूँ
    माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
    सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..
    --
    ममतामयी माँ को नमन!

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  16. माँ तो बस माँ होती है उसके समान दूसरा कोई हो ही नहीं सकता.

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  17. तेरी आँखों से आसुओ का सिसकता किनारा
    त्याग,तपस्या,और तेरी ममता की धारा
    माँ की दुआ जैसी कोई दुआ नही
    माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही

    बहुत भावुक कर दिया आपने..

    आभार.

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  18. जब भी औलाद को कष्ट में पाया
    माँ की ममता ने आँचल फैलाया ||

    माता जी को सादर नमन ...
    शुभकामनाएँ!

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  19. धीरेन्द्र जी ! बहुत भावुक कर दिया आपने..माँ तो माँ होती है...माँ की यादों के संग उसर्की ममता का अहसास सारी उम्र हमारे आसपास ही रहती है..हैं तो हम उन्हीं का अंश....भावमय करती अद्भुत रचना.. आभार.

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  20. हृदयस्पर्शी..... माँ से जुड़ी हर बात हर याद भावुक कर जाती है.....

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  21. अनुपम रचना ! माँ की महिमा को बहुत भावपूर्ण होकर अभिव्यक्त किया है आपने ! बहुत अच्छी लगी यह रचना ! माँ को नमन !

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  22. MAA KI JAGHA KOI NAHI LE SAKTA .. MAA MAA HOTI HAI...
    JAI HIND JAI BHARAT

    MERE BLOG PAR AANE KE LIYE DHANYWAAD

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  23. माँ को प्रणाम,माँ की महिमा अपरम्पार !

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  24. आदरणीय धीरेन्द्र जी माँ पर लिखी गयी ये प्यारी रचना सुन्दर सन्देश दे रही है गजब की लय है सच में -माँ की ममता की कोई तुलना नहीं अगाध प्रेम -बचपन से जब तक माँ के सामने रहिये वही प्यार दुलार उसके लिए बस एक छोटा बच्चा वही आँचल में छुप जाने वाला ......ममता की धारा सत्य
    जब भी हमें कभी
    दुःख दर्द सताता है
    माँ तेरा आँचल याद आता है
    वो प्यार दुलार आँखों के आंसू रोंक लेता है
    बधाई हो ...यादगार रचना देने हेतु
    भ्रमर ५

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  25. माँ की दुआ जैसी कोई दुआ नही
    माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही

    बल्किुल सही विचार।
    आधुनिक युग के बेटों के लिए मननीय रचना।

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  26. माँ की दुआ जैसी कोई दुआ नही
    माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही

    बहुत भावुक और हृदयस्पर्शी प्रस्तुति है आपकी.
    माँ ईश्वर का ही प्रतिरूप है.

    ईश्वर को भी तो कहा गया है 'त्वमेव माता...'

    अनुपम मार्मिक प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आप आये,इसके लिए भी आभार.

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  27. "माँ की यादें...." आँखें नम कर गयी!

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  28. मान की यादें सदा साथ रहती हैं. बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिये.

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  29. उनसे बड़ा कोई नहीं ....
    आप खुशकिस्मत हैं जिन्होंने उनका प्यार पाया ...हम जैसे केवल उन्हें दूसरों की नज़र से समझाने का ...ढूँढने का ...प्रयत्न करते हैं !
    http://satish-saxena.blogspot.com/2011/05/blog-post_18.html
    शुभकामनायें आपको !

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  30. धीरेन्द्र जी, बहुत भावुक करने वाली रचना है...
    अपनी ग़ज़ल का मक़्ता हाज़िर कर रहा हूं-
    मां न रही तो सब्र करो, और ये भी तो सोचो शाहिद
    मां से खुद महरूम रही है, हव्वा जो है सबकी मां.

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  31. अचानक माँ तेरी याद आई
    सच में माँ तेरी बहुत याद आई
    याद आ रहे थे वो एक एक नज़ारे
    वो बचपन जो मैंने तेरे आँचल में गुजारे...
    माँ की जगह कोई नहीं ले सकता! माँ की यादें हमेशा आती है! बहुत सुन्दरता से आपने हर एक शब्द लिखा है! भावपूर्ण प्रस्तुती! माता जी मेरा शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  32. bahut sunder !

    meri khwaahish hai ki main phir se farishta ho jaun |
    maaN se is tarah liptun ki bachcha ho jaun ||

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  33. माँ से बढ़कर कोई नहीं..
    माँ को प्रणाम!

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  34. आदरणीय भाईजी धीरेन्द्र जी
    नमस्कार !

    बहुत अच्छी मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति है …


    रोते - रूठे बच्चे को हंसाना - मनाना , पीठ थपथपाकर लोरी सुनाना ,
    जिद करने पर हल्की सी थाप लगाना ,
    हिम्मत बढाना,
    उंगली पकड़ कर चलना सिखाना,
    घंटो तक बैठाकर पढाना ,
    पढ़ने के लिए आत्म विश्वास का जगाना,
    भगवान के सामने बैठ लंबी उम्र की दुआ मागना ,
    पूजा की थाली सजा मन्त्रों का जाप करना ,
    काला टीका लगाकर नजरें उतारना ,

    हर मां की यही कहानी यही सच्चाई है!

    प्रणाम है संसार की हर मां को ! मेरी मां को ! आपकी मां को !

    # … और हां , स्वास्थ्य का ध्यान रखा कीजिए !
    मां को अपने बच्चों की तकलीफ़ से बहुत तकलीफ़ होती है … संसार में रहते हुए भी , संसार से जाने के बाद भी ! #


    बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  35. बहुत सुन्दर रचना....भावनाओं से भरी बहुत अच्छी अभिव्यक्ति...मन भर आया पढ़ कर.

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,