मंगलवार, 25 नवंबर 2014

जाड़े की धूप

 

 जाड़े की धूप

जाड़े की धुप
टमाटर का सूप,
मूंगफली के दाने
छुट्टी के बहाने,
तबीयत नरम 
पकौड़े गरम,
ठंडी हवा 
मुह में धुंआ,
फाटे हुए गाल
सर्दी से बेहाल,
तन पर पड़े  
ऊनी कपडे,
दुबले भी लगते 
मोटे तगड़े,
किटकिटाते दांत 
ठिठुरते ये हाथ,
जलता अलाव 
हांथों का सिकाव,
गुदगुदा बिछौना
रजाई में सोना,
सुबह का होना 
सपनो में खोना,
 
 


12 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ... सच में जाड़ों की याद दिला दी ...

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  2. वाह..क्या खूब खांचा खीचा है आपने सर्दी के इस मौसम का

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  3. बहुत मजा आया पढ़ा कर
    आपने सारे सच लिख दिए |

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  4. आपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे लिए अनमोल है...अगर आप टिप्पणी देगे,तो निश्चित रूप से आपके पोस्ट पर आकर जबाब दूगाँ,,,,आभार,