पाँच ( दोहे )
जहां कहीं सूरज थका,दिया "दिये" ने साथ|
उस पर भी कुछ कम नही, जुगनू की औकात||
उस पर भी कुछ कम नही, जुगनू की औकात||
जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साख|
वरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख||
पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
दुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||
लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
बहुत सुंदर दोहे !
जवाब देंहटाएंvery nice post, Blogger Me Seo Friendly Article Kaise Likhe
हटाएंकरते हैं सुंदर सृजन , भदौरिया जी आप !
दोहों में भी श्रेष्ठता की छोड़ी है छाप !!
सुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई
आदरणीय धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी !
सादर...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
क्या बात है भाई-
जवाब देंहटाएंविविध रंग इन पांच दोहों में भरे हैं आप ने-
आभार-
बहुत बढिया...सुन्दर दोहे..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया,सुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुंदर दोहे !वाह
जवाब देंहटाएंसामयिक दोहे
जवाब देंहटाएंखुबसूरत दोहे .....
जवाब देंहटाएंbahut khoob :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया दोहे।
जवाब देंहटाएंsundar dohe.........
जवाब देंहटाएंपाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
जवाब देंहटाएंदुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||
लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
बहुत बढिया...सुन्दर दोहे..
बहुत सुन्दर रचना ..
जवाब देंहटाएंमुझे आपकी यह रचना बहुत अच्छी लगी... .. :) कांग्रेस वालों को भी सत्य दिखने लगा .. :D
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन दोहे...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
:-)
बहुत सुंदर दोहे !!
जवाब देंहटाएंwaah ....shabdon ka jaadu .....dohon ke roop men ...
जवाब देंहटाएंलाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
जवाब देंहटाएंदुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
लाख टके की एक बात
बहुत सुंदर दोहे !
जवाब देंहटाएंजहां कहीं सूरज थका,दिया "दिये" ने साथ|
जवाब देंहटाएंउस पर भी कुछ कम नही, जुगनू की औकात||
लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
शानदार अलहदा दोहे
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज सोमवार (26-08-2013) को सुनो गुज़ारिश बाँकेबिहारी :चर्चामंच 1349में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार ।।। शास्त्री जी
हटाएंबेहतरीन दोहे ,उम्दा प्रस्तुति सर |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंलाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
भाव और अर्थ सौन्दर्य से भर पूर दोहे।
सभी दोहे बहुत बढ़िया ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे ....
जवाब देंहटाएंसभी दोहे बहुत बढिया ,
जवाब देंहटाएंसुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई ...
सादर....
पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
जवाब देंहटाएंदुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||
दुविधावाली दोस्ती नहीं होती अच्छी
बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
जवाब देंहटाएंमेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
सभी दोहे बेहतरीन और मन को छूने वाले
वाह...
जवाब देंहटाएंबाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
बहुत ही सुन्दर दोहे..
सभी अर्थपूर्ण...
सादर
अनु
किसको किसके ऊपर धरूँ किसको कहूँ अधिक
जवाब देंहटाएंसारे दोहे कीमती जैसे कोई माणिक
सारे के सारे दोहे अनमोल ।
जवाब देंहटाएंसभी सटीक दोहे बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंमेरी माँ का त्याग.............nice
जवाब देंहटाएंशानदार
जवाब देंहटाएंलाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
जवाब देंहटाएंदुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
Very nice
जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
जवाब देंहटाएंवरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख॥
वाह बहुत खूब |
एक से बढ़कर एक दोहे...गजब...बहुत बढियां ..
जवाब देंहटाएंसादर बधाई आपको...!!
एक से बढ़कर एक दोहे....
जवाब देंहटाएंप्रिय धीरेन्द्र भाई ..खूबसूरत भाव लिए ...जबरदस्त रचना और उपयोगी भी ...
आप सभी मित्र मण्डली को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ...जय श्री कृष्णा
भ्रमर ५
" सुन्दर दोहे आपके देते अद्भुत सीख । " यदि आप चाहें तो दूसरे दोहे में साथ के स्थान पर 'साख' लिख सकते हैं । प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्रीमान जी ,
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन |
उत्कृष्ट दोहे ,लाजवाब प्रस्तुति |
अति सुन्दर..
जवाब देंहटाएंश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!
जवाब देंहटाएंकमाल के दोहे रच रहे है आप. हार्दिक शुभकामनाये इस सृजन धर्मिता के लिए
जवाब देंहटाएंबेहतरीन दोहे संग्रहनीय
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया दोहे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - बृहस्पतिवार- 29/08/2013 को
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः8 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
जवाब देंहटाएंवरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख|..
गहरे सच को लिखा है बाखूबी ... हर दोहा जीवन दर्शन समेटे ...
waah sabhi dohe sundar hai hardik badhai
जवाब देंहटाएंजब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
जवाब देंहटाएंवरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख||
jeevan ka satya to yahi hai. sabhi dohe bahut gahan darshan samete hain. bahut sunder.
उत्कृष्ट....!!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम ,हर दोहा एक सन्देश देता है
जवाब देंहटाएंबाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
जवाब देंहटाएंमेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
हर एक दोहा लाजवाब
क्या कहने !
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ !!
सुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक दोहे...
जवाब देंहटाएंधीरेन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे, आभार
माइ बिग गाइड की इस नई कडी का अवलोकित कर टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन करने का कष्ट करें,
My Big Guide Idea Wall माइ बिग गाइड आइडिया वाल
Turn the wireless electricity वायरलेस हो जाये बिजली
पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
जवाब देंहटाएंदुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||
sabhi dohe sarthak abhivyakti .
जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साख|
जवाब देंहटाएंवरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख||
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
हार्दिक शुभकामनाये इस सृजन के लिए,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लाजबाब दोहे,,,,
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !
very excited post
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