रविवार, 25 अगस्त 2013

पाँच ( दोहे )

पाँच ( दोहे )

जहां  कहीं  सूरज  थका,दिया "दिये" ने  साथ|
  उस पर भी  कुछ कम नही, जुगनू की औकात|| 

 जब तक साँसें साथ में , केवल  तब  तक साख|
 वरना जीवन  अंत  में , बस  मुटठी  भर  राख||

पाक  साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर  भी स्वीकार|
 दुविधा  वाली   दोस्ती , बार - बार   धिक्कार||

लाल  किला  होता  कहाँ ,कहाँ  ताज  का  नूर|
 दुनियाँ  में  होते   नहीं , अगर  कहीं   मजदूर||

बाल न बांका कर  सका, विपत्तियों  की आग|
  मेरे  जीवन  का  कवच, मेरी  माँ  का   त्याग||  

65 टिप्‍पणियां:



  1. करते हैं सुंदर सृजन , भदौरिया जी आप !
    दोहों में भी श्रेष्ठता की छोड़ी है छाप !!


    सुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई
    आदरणीय धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी !

    सादर...
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  2. क्या बात है भाई-
    विविध रंग इन पांच दोहों में भरे हैं आप ने-
    आभार-

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  3. बहुत बढिया,सुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई

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  4. पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
    दुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||

    लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
    दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||
    बहुत बढिया...सुन्दर दोहे..

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  5. मुझे आपकी यह रचना बहुत अच्छी लगी... .. :) कांग्रेस वालों को भी सत्य दिखने लगा .. :D

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  6. बहुत ही बेहतरीन दोहे...
    बहुत खूब...
    :-)

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  7. लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
    दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||

    लाख टके की एक बात

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  8. जहां कहीं सूरज थका,दिया "दिये" ने साथ|
    उस पर भी कुछ कम नही, जुगनू की औकात||

    लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
    दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||

    शानदार अलहदा दोहे

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  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज सोमवार (26-08-2013) को सुनो गुज़ारिश बाँकेबिहारी :चर्चामंच 1349में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  10. लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
    दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||

    बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
    मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||

    भाव और अर्थ सौन्दर्य से भर पूर दोहे।

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  11. सभी दोहे बहुत बढिया ,
    सुंदर श्रेष्ठ दोहों के लिए बधाई ...
    सादर....

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  12. पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
    दुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||

    दुविधावाली दोस्ती नहीं होती अच्छी

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  13. बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
    मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||

    सभी दोहे बेहतरीन और मन को छूने वाले

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  14. वाह...
    बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
    मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||
    बहुत ही सुन्दर दोहे..
    सभी अर्थपूर्ण...

    सादर
    अनु

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  15. किसको किसके ऊपर धरूँ किसको कहूँ अधिक
    सारे दोहे कीमती जैसे कोई माणिक

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  16. सभी सटीक दोहे बहुत सुन्दर !

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  17. लाल किला होता कहाँ ,कहाँ ताज का नूर|
    दुनियाँ में होते नहीं , अगर कहीं मजदूर||

    Very nice

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  18. जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
    वरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख॥

    वाह बहुत खूब |

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  19. एक से बढ़कर एक दोहे...गजब...बहुत बढियां ..
    सादर बधाई आपको...!!

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  20. एक से बढ़कर एक दोहे....
    प्रिय धीरेन्द्र भाई ..खूबसूरत भाव लिए ...जबरदस्त रचना और उपयोगी भी ...

    आप सभी मित्र मण्डली को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ...जय श्री कृष्णा
    भ्रमर ५

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  21. " सुन्दर दोहे आपके देते अद्भुत सीख । " यदि आप चाहें तो दूसरे दोहे में साथ के स्थान पर 'साख' लिख सकते हैं । प्रशंसनीय प्रस्तुति ।

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  22. आदरणीय श्रीमान जी ,
    सादर अभिवादन |
    उत्कृष्ट दोहे ,लाजवाब प्रस्तुति |

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  23. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!

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  24. कमाल के दोहे रच रहे है आप. हार्दिक शुभकामनाये इस सृजन धर्मिता के लिए

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  25. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - बृहस्पतिवार- 29/08/2013 को
    हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः8 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra

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  26. जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
    वरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख|..

    गहरे सच को लिखा है बाखूबी ... हर दोहा जीवन दर्शन समेटे ...

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  27. जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साथ|
    वरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख||

    jeevan ka satya to yahi hai. sabhi dohe bahut gahan darshan samete hain. bahut sunder.

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  28. बहुत उत्तम ,हर दोहा एक सन्देश देता है

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  29. बाल न बांका कर सका, विपत्तियों की आग|
    मेरे जीवन का कवच, मेरी माँ का त्याग||

    हर एक दोहा लाजवाब
    क्या कहने !

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ !!

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  30. बहुत सुन्दर और सार्थक दोहे...

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  31. धीरेन्‍द्र जी
    बहुत सुन्‍दर दोहे, आभार
    माइ बिग गाइड की इस नई कडी का अवलोकित कर टिप्‍पणी के माध्‍यम से उत्‍साहवर्धन करने का कष्‍ट करें,
    My Big Guide Idea Wall माइ बिग गाइड आइडिया वाल
    Turn the wireless electricity वायरलेस हो जाये बिजली

    जवाब देंहटाएं
  32. पाक साफ़ हो दुश्मनी , तो फिर भी स्वीकार|
    दुविधा वाली दोस्ती , बार - बार धिक्कार||
    sabhi dohe sarthak abhivyakti .

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  33. जब तक साँसें साथ में , केवल तब तक साख|
    वरना जीवन अंत में , बस मुटठी भर राख||
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

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  34. हार्दिक शुभकामनाये इस सृजन के लिए,,,

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  35. बहुत सुंदर लाजबाब दोहे,,,,
    गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !

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